Loading...
अभी-अभी:

एक्टिविस्ट दिशा रवि मामले की छोटी कड़ी , यह एक अंतरराष्ट्रीय साजिश

image

Feb 15, 2021

ग्रेटा थनबर्ग टूलकिट मामले की जांच कर रही स्पेशल सेल ने 22 साल की एक्टिविस्ट दिशा रवि को गिरफ्तार किया है। दिशा रवि को बेंगलुरु से पकड़ा गया जो फ्राइडे फॉर फ्यूचर कैम्पेन की फाउंडरों में से एक हैं। रविवार को पुलिस ने उन्हें कोर्ट में पेश किया जहां से उन्हें 5 दिन की रिमांड पर लिया गया है। दिल्ली पुलिस  का कहना है कि दिशा रवि ने वॉट्सऐप ग्रुप बनाया था और उसके जरिए टूलकिट डॉक्यूमेंट एडिट करके वायरल किया। वह टूल किट डॉक्यूमेंट का मसौदा तैयार करने वाले षडयंत्रकारियों के साथ काम कर रही थीं। दिशा रवि पर आरोप है कि इसके जरिए इन लोगों ने देश के खिलाफ बड़ी साजिश तैयार की थी। पुलिस का कहना है कि दिशा रवि इस मामले की छोटी कड़ी हैं आने वाले समय में कई गिरफ्तारियां होना बाकी हैं। क्लाइमेट एक्टिविस्ट दिशा रवि पर आरोप है इसने किसानों से जुड़ी टूलकिट को एडिट कर उसमें कुछ चीजें जोड़ी और फॉरवर्ड कर दिया।
 

दिशा रवि ने ही ग्रेटा को चेताया था कि टूलकिट पब्लिक डोमेन में चला गया

बता दें जिस वक्त ग्रेटा थनबर्ग ने टूलकिट शेयर किया। तब दिशा रवि ने ही ग्रेटा को चेताया था कि टूलकिट पब्लिक डोमेन में चला गया है। बाद में ग्रेटा ने इसे डिलीट कर दिया। फिर इसका एडिट वर्जन शेयर किया। पुलिस ने दिशा रवि का मोबाइल फोन भी बरामद किया है। इससे पहले दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को गूगल और अन्य सोशल मीडिया कंपनियों से ‘टूलकिट’ बनाने वालों से जुड़े ईमेल आईडी, डोमेन, यूआरएल और कुछ सोशल मीडिया अकाउंट की जानकारी देने के लिए कहा था। दिशा रवि की गिरफ्तारी के बाद साइबर सेल उनसे मामले को लेकर पूछताछ कर रही है।

जांच में यह पहली और बड़ी गिरफ्तारी

भारत के खिलाफ प्रोपेगेंडा वाले ग्रेटा थनबर्ग के टूलकिट मामले की जांच में यह पहली और बड़ी गिरफ्तारी है। स्पेशल सेल गणतंत्र दिवस पर हुई लाल किला हिंसा की साजिश के साथ-साथ टूलकिट मामले की भी जांच कर रही है। स्पेशल सेल की साइबर सेल ने 4 फरवरी को टूलकिट डॉक्यूमेंट के मामले में आईपीसी की धारा 124 ए, 153, 153 ए और 120 बी के तहत मामला दर्ज किया था। दिशा रवि ने जो ट्वीट किए थे पुलिस के एक्शन में आते ही ट्वीट भी डिलीट कर दिए थे।


प्रदर्शन के दौरान क्या किया जाए और क्या नहीं सब जानकारी

1998 में जन्मी दिशा रवि ने माउंट कार्मेल कॉलेज से ग्रैजुएशन किया है। मैसूरु में रहने वाले उनके पिता एथलीट कोच हैं तो वहीं मां गृहणी हैं। दिशा रवि नार्थ बेंगलुरु के सोलादेवना हल्ली इलाके की रहने वाली हैं। इस टूलकिट में बताया गया था किसान आंदोलन में सोशल मीडिया पर समर्थन कैसे जुटाए जाए। हैशटैग का इस्तेमाल किस तरह से किया जाए और प्रदर्शन के दौरान क्या किया जाए और क्या नहीं सब जानकारी इसमें मौजूद थी। 3 फरवरी को एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग ने किसानों का समर्थन करते हुए इस टूलकिट को सोशल मीडिया पर शेयर किया था। बाद में इस टूलकिट को डिलीट कर दिया था।

यह एक अंतरराष्ट्रीय साजिश रची गई थी।

हिंसा को लेकर ट्विटर पर माहौल बिगाड़ने के लिए पूरी ‘टूलकिट’ अपलोड की गई थी। यह ‘टूलकिट’ गूगल डॉक्यूमेंट में बनाई गई थी।  ‘टूलकिट’ के अंदर कुछ इंस्टाग्राम प्रोफाइल, ट्विटर अकाउंट और ईमेल आईडी भी दिए गए थे। इसलिए दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने इन सभी के बारे में और इनके डोमेन आईडी भी गूगल से मांगे हैं। इस डॉक्यूमेंट में एक एक्शन प्लान के बारे में बताया गया था। जिसमें 26 जनवरी और उसके आसपास डिजिटल स्ट्राइक करनी है। यह एक अंतरराष्ट्रीय साजिश रची गई थी। पुलिस को पता चला है कि करीब 800 से अधिक ऐसे ट्विटर हैंडल हैं जिनसे किसान आंदोलन के नाम पर भारत सरकार के खिलाफ ट्वीट किए जा रहे थे। इस टूलकिट को बनाने में खालिस्तानी समर्थक संगठन POETIC JUSTICE FOUNDATION की भी अहम भूमिका है।