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भूकंप: तुर्की में आया 7.8 तीव्रता का भूकंप, 700 से ज्यादा लोग घायल-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जताया दुख

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Feb 6, 2023

तुर्की और पड़ोसी देशों में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. भूकंप के झटके नूर्दगी से 23 किमी पूर्व में महसूस किए गए। इसका असर सीरिया तक देखा गया। खबरों के मुताबिक, भूकंप के कारण कई इमारतें ढह गई हैं। तुर्की में अब तक 53 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, सीरिया में मरने वालों का आंकड़ा 237 पहुंच गया है। 700 से ज्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं। इजराइल और लेबनान में भी कई मौतों की आशंका है।

जानकारी के मुताबिक रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 7.8 मापी गई। कहा जा रहा है कि इस दौरान कई लोगों की मौत हुई है. 16 इमारतों को नुकसान पहुंचा है। यह आंकड़ा बढ़ सकता है। सानलिउर्फा के मेयर ने फिलहाल 15 मौतों की पुष्टि की है।

यूएस जियोलॉजिकल सर्वे के अनुसार, भूकंप का केंद्र गजियांटेप से लगभग 33 किलोमीटर (20 मील) और नूरदगी शहर से लगभग 26 किलोमीटर (16 मील) दूर था। यह 18 किलोमीटर (11 मील) की गहराई पर केंद्रित था। भूकंप के झटके दूर सीरिया तक महसूस किए गए। झटके इतने तेज थे कि कई इमारतों के क्षतिग्रस्त होने की सूचना है। यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे के मुताबिक, भूकंप से कई लोगों के हताहत होने की आशंका है।

राष्ट्रपति एर्दोगन ने कहा- हम मिलकर इस आपदा का सामना करेंगे
तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन ने ट्विटर पर कहा कि खोज और बचाव दलों को तुरंत भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में भेज दिया गया है। हमें उम्मीद है कि हम सब मिलकर इस आपदा को जल्द से जल्द और कम से कम नुकसान के साथ दूर कर सकते हैं।

पीएम मोदी ने शोक व्यक्त किया
भूकंप की घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जताया है. उन्होंने कहा कि तुर्की में भूकंप के कारण हुई जनहानि से उन्हें दुख हुआ है। शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना। घायल जल्द स्वस्थ हों। भारत तुर्की के लोगों के साथ एकजुटता से खड़ा है और इस त्रासदी से निपटने के लिए हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए तैयार है।

भूकंप कैसे आते हैं?
भूकंप का मुख्य कारण पृथ्वी के अंदर प्लेटों का आपस में टकराना है। पृथ्वी के अंदर सात प्लेटें हैं जो लगातार घूम रही हैं। जब ये प्लेटें किसी बिंदु पर टकराती हैं तो फॉल्ट लाइन जोन बन जाता है और सतह के कोने मुड़ जाते हैं। सतह के कोण के कारण वहां दबाव बढ़ जाता है और प्लेटें टूटने लगती हैं। जैसे ही ये प्लेटें टूटती हैं, अंदर की ऊर्जा अपना रास्ता खोज लेती है, जिससे पृथ्वी हिलती है और जिसे हम भूकंप कहते हैं।

भूकंप की तीव्रता

रिक्टर पैमाने पर 2.0 से कम तीव्रता वाले भूकंप को सूक्ष्म के रूप में वर्गीकृत किया जाता है और इसे महसूस नहीं किया जा सकता है। दुनिया भर में प्रतिदिन रिक्टर पैमाने पर माइक्रो रेंज के 8,000 भूकंप दर्ज किए जाते हैं।
इसी तरह 2.0 से 2.9 की तीव्रता वाले भूकंप को माइनर कैटेगरी में रखा जाता है। रोजाना 1,000 ऐसे भूकंप आते हैं, जिनका हमें आमतौर पर अनुभव भी नहीं होता।
3.0 से 3.9 तीव्रता के बहुत हल्के भूकंप एक वर्ष में 49,000 बार दर्ज किए जाते हैं। उन्हें महसूस किया जाता है लेकिन शायद ही कभी कोई नुकसान होता है।
दुनिया भर में रिक्टर पैमाने पर 4.0 से 4.9 की तीव्रता वाले हल्की श्रृंखला के भूकंप साल में लगभग 6,200 बार आते हैं। इन झटकों को महसूस किया जाता है और इसके कारण घर की वस्तुएं हिलती हुई दिखाई देती हैं। हालांकि, वे मामूली नुकसान पहुंचाते हैं।