Aug 9, 2025
पत्नी के कपड़ों और खाने पर तंज कसना ‘गंभीर क्रूरता’ नहीं: हाईकोर्ट
पत्नी के कपड़ों और खाने पर तंज कसना भारतीय दंड संहिता की धारा 498A के तहत ‘गंभीर क्रूरता’ या ‘उत्पीड़न’ नहीं माना जा सकता है। एक दहेज उत्पीड़न मामले में हाईकोर्ट ने पति और ससुराल वालों के खिलाफ दर्ज एफआईआर व आपराधिक कार्यवाही को रद्द करते हुए यह अहम फैसला सुनाया। अदालत ने टिप्पणी की कि जब रिश्ते बिगड़ते हैं तो आरोप अक्सर बढ़ा-चढ़ाकर लगाए जाते हैं और मामूली या सामान्य टिप्पणियों को ‘क्रूरता’ मानना कानून का दुरुपयोग होगा।
क्या है पूरा मामला
दंपति की शादी 24 मार्च 2022 को हुई थी। यह महिला की दूसरी शादी थी, जिसने 2013 में आपसी सहमति से पहले पति को तलाक दे दिया था। महिला ने आरोप लगाया कि शादी के डेढ़ महीने बाद ही उसके साथ दुर्व्यवहार शुरू हो गया। उसका दावा था कि पति की मानसिक और शारीरिक बीमारियां उससे छिपाई गईं। हालांकि, कोर्ट ने पाया कि शादी से पहले की चैट में पति ने अपनी बीमारी और दवाओं की जानकारी दी थी।
15 लाख की मांग पर कोर्ट की टिप्पणी
महिला ने दिवाली के आसपास ₹15 लाख की मांग फ्लैट खरीदने के लिए किए जाने का आरोप लगाया। लेकिन अदालत ने इस पर संदेह जताया, क्योंकि पति के पास पहले से ही अपना फ्लैट था। साथ ही, परिवार के अन्य सदस्यों के खिलाफ लगाए गए आरोपों को अदालत ने “सामान्य प्रकृति” का माना।
सबूतों की कमी और अदालत का फैसला
कोर्ट ने पाया कि चार्जशीट में महिला के बयान के अलावा कोई ठोस सबूत नहीं था और पड़ोसियों से पूछताछ भी नहीं की गई थी। अदालत ने कहा कि कपड़ों या खाने को लेकर टिप्पणी करना धारा 498A के तहत क्रूरता नहीं है। नतीजतन, अदालत ने एफआईआर और आपराधिक कार्यवाही रद्द करते हुए आरोपी पति को बरी कर दिया।