Dec 19, 2022
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की संस्था भारतीय किसान संघ (बीकेएस) किसानों के मुद्दों को लेकर सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 'किसान गर्जना' रैली का आयोजन कर रहा है। बीकेएस किसानों को लेकर अपनी मांगों को लेकर केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर रही है। हजारों की संख्या में किसान अपनी मांगों को लेकर दिल्ली के रामलीला मैदान में 'किसान गर्जना' रैली में शामिल होने पहुंचे हैं। भारतीय किसान संघ अपनी मांगों को लेकर लंबे समय से सरकार से खफा है। संगठन ने अब सड़कों पर उतरने की रणनीति अपनाई है।
दावा किया जा रहा है कि भारतीय किसान संघ की किसान गुर्जना रैली में 50 से 60 हजार किसान हिस्सा लेंगे। 700 से 800 बसों और 4000 निजी वाहनों में देशभर से किसान आएंगे। दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर किसान गरजा रैली के होर्डिंग और पोस्टर लगाए गए हैं। भारतीय किसान संघ के महासचिव मोहिनी मोहन मिश्रा ने कहा कि किसानों से जुड़ी मांगों के विरोध में दिल्ली में रैली निकाली जाएगी, जिसमें 600 जिलों के किसान हिस्सा लेंगे।
बीकेएस की मांग है कि केंद्र सरकार को कृषि उत्पादों पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) नहीं लगाना चाहिए। इसके अलावा संगठन सभी कृषि उत्पादों को जीएसटी से छूट देने की भी मांग कर रहा है। साथ ही कृषि की बढ़ी लागत के अनुपात में पीएम किसान सम्मान निधि की राशि बढ़ाने की भी मांग की है। किसान संघ खाद्यान्न में सब्सिडी के अलावा किसानों को डीबीटी के जरिए आर्थिक मदद की भी मांग कर रहा है।
किसान संगठनों ने मांग की है कि सिंचाई और नदी जोड़ो परियोजनाओं के लिए भी सहायता दी जानी चाहिए। बीकेएस ने इसके लिए और पैसे की मांग भी की है। किसानों ने केंद्र सरकार से मांग की है कि जीएम (आनुवंशिक रूप से संशोधित) सरसों को अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। देश की आयात-निर्यात नीति जनता के हित में होनी चाहिए। देश में जैविक खेती को बढ़ावा देने के साथ-साथ किसानों की आय बढ़ाने की मांग समेत कई अन्य मांगें भी की जा रही हैं।