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26/11 मुंबई अटैक : पिछले 14 सालों में भारत ने आतंकवाद से लड़ने के लिए क्या क्या क़दम उठाए ?

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Nov 26, 2022

26/11 Mumbai Terror Attacks Anniversary: आज 26/11 मुंबई हमले (Mumbai Terror Attacks) की बरसी है. 14 साल पहले देश की आर्थिक राजधानी मुंबई (Mumbai) आतंकी हमले (Terror Attacks) की जिस पीड़ा से गुजरी, आज भी उसकी याद सिहरन पैदा करती है लेकिन जिस तरह से हमारे जांबाज सुरक्षाकर्मियों ने आतंकी करतूत का मुंहतोड़ जवाब दिया, उससे मन को ये राहत मिलती है कि हम सुरक्षित हाथों में हैं. हम भरोसा कर सकते हैं कि देश में जब-जब आतंक मुंह उठाएगा, उसे परास्त किया जाएगा

 

NIA कानून पारित हुआ - मुंबई आतंकी हमले के बाद आतंकवाद संबंधी मामलों की जांच करने वाली एक सशक्त एजेंसी अस्तित्व में आई. सरकार ने राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण अधिनियम-2008 पारित कर जांच एजेंसी बनाई जिसे एनआईए (NIA) के रूप में हम जानते हैं. यह एजेंसी अमेरिका के एफबीआई के समकक्ष है. सार्वदेशिक यानी यूनिवर्सल होने के कारण एनआईए, सीबीआई से ज्यादा सशक्त है. एनआईए के पास देश की सुरक्षा, संप्रभुता और अखंडता को खतरा पहुंचाने वाली आतंकी गतिविधियों की जांच और मुकदमा चलाने का अधिकार है. एजेंसी आतंकी गतिविधियों का स्वतः संज्ञान लेकर मामला दर्ज कर सकती है. यह किसी राज्य सरकार की इजाजत के बिना वहां प्रवेश कर सकती है और जांच और गिरफ्तारी कर सकती है.

 

FBI-MI6 से खुफिया सूचनाओं का आदान-प्रदान - इस रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब मुंबई पुलिस इस स्तर के आतंकी हमले से निपटने के लिए बेहतर तरीके से तैयार है. मुंबई ने अपने सिस्टम, ट्रेनिंग और हथियारों में सुधार किया है और अन्य सुरक्षा एजेंसियों के साथ उसका तालमेल बेहतर हुआ है.. FBI और MI6 जैसी प्रमुख पश्चिम एजेंसियों के साथ भारत का खुफिया जानकारियों का आदान-प्रदान 2008 के मुकाबले कहीं बेहतर हुआ है. भारत इन एजेंसियों से समय पर कार्रवाई योग्य खुफिया जानकारी जुटाने की उम्मीद कर सकता है और आतंकी मंसूबों को नाकाम कर सकता है. आतंकी हमलों पर त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न राज्यों में राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) हब स्थापित किए गए हैं.

 

पाकिस्तानी आतंकियों के खिलाफ सिस्टम मजबूत - पाकिस्तान से इंटरनेट की जरिये चलाए जाने वाले धार्मिक कट्टरता के नेटवर्क पर भी खुफिया एजेंसियों ने प्रहार किया है. इंटरनेट पर एजेंसियों ने ऐसा सिस्टम विकसित किया है जो एक प्रकार से आतंकी संगठनों की नाकेबंदी जैसा है. सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों के बीच आपसी संवाद और सूचना तंत्र मजबूत किया गया है

 

Delhi से पहुंची थी 200 कमांडो की टीम -

200 कमांडो की एक टीम अगले दिन (27 नवंबर को) दिल्ली से मुंबई पहुंची थी और ताज और ओबेरॉय होटल में रेस्क्यू ऑपरेशन का जिम्मा संभाला. सरकार ने इमारत पर धावा बोलने का आदेश दे दिया था. इधर जमीन पर धमाकों की सीरीज शुरू हो गई थी. आखिरकार 29 नवंबर को भारतीय कमांडो ने घोषणा करते हुए कहा कि ताज को सभी आतंकियों से करा लिया गया है. एक आतंकी मुहम्मद अजमल आमिर कसाब जिंदा पकड़ लिया गया था. उसे 21 नवंबर 2012 को पुणे की यरवदा जेल में फांसी दे दी गई थी

 

 

 

 

 

Report  by  - ANKIT TIWARI