Oct 10, 2024
भारत के दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा का बुधवार (9 अक्टूबर) देर रात 86 साल की उम्र में निधन हो गया. वह पिछले कुछ दिनों से मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती थे. उनके निधन से कारोबार जगत समेत पूरे देश में शोक की लहर है. रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर 1937 को हुआ था. वह अपने उदार कार्यों और दूरदर्शिता के लिए दुनिया भर में जाने जाते थे.
टाटा ग्रुप की कमान कौन संभालेगा?
रतन टाटा के निधन के बाद टाटा ग्रुप की जिम्मेदारी कौन संभालेगा इसमें कई नाम शामिल हैं. रतन टाटा के सौतेले भाई नोएल टाटा आगे हैं. टाटा ग्रुप की जिम्मेदारी सिर्फ नोएल टाटा पर नहीं बल्कि टाटा की नई पीढ़ी के कंधों पर होगी. टाटा की नई पीढ़ी में लिया, माया और नेविल शामिल हैं. जो रतन टाटा के सौतेले भाई नोएल नवल टाटा की संतान हैं. वह किसी भी अन्य पेशेवर की तरह कंपनी के माध्यम से आगे बढ़ते हुए टाटा समूह में अपनी पहचान बनाना जारी रखे हुए हैं.
सबसे बड़ी लिआ टाटा ने स्पेन के मैड्रिड में आईई बिजनेस स्कूल से मार्केटिंग में मास्टर डिग्री हासिल की है. वह 2006 में टाटा समूह में ताज होटल रिसॉर्ट्स एंड पैलेसेस में सहायक बिक्री प्रबंधक के रूप में शामिल हुईं और अब विभिन्न भूमिकाओं के माध्यम से प्रगति करते हुए द इंडियन होटल्स कंपनी लिमिटेड में उपाध्यक्ष के रूप में कार्य करती हैं.
छोटी बेटी माया टाटा ने समूह की प्रमुख वित्तीय सेवा कंपनी टाटा कैपिटल में एक विश्लेषक के रूप में अपना करियर शुरू किया. वहाँ रहते हुए, उनके भाई नेविल टाटा ने ट्रेंट में अपनी पेशेवर यात्रा शुरू की, जिस खुदरा श्रृंखला को बनाने में उनके पिता ने मदद की थी. नेविल का विवाह टोयोटा किर्लोस्कर समूह की उत्तराधिकारी मानसी किर्लोस्कर से हुआ है.
रतन टाटा का जन्म 1937 में हुआ था
देश के सबसे लोकप्रिय उद्योगपति और अरबपति रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर 1937 को नवल टाटा और सुनी टाटा के घर हुआ था. वह 1991 से 2012 तक टाटा ग्रुप के चेयरमैन रहे और इस दौरान उन्होंने बिजनेस क्षेत्र में कई कीर्तिमान बनाए और देश के सबसे पुराने बिजनेस समूहों में से एक टाटा ग्रुप को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया. यही वजह है कि देश का हर बिजनेसमैन और बिजनेस की दुनिया में कदम रखने वाले युवा भी उन्हें अपना रोल मॉडल मानते हैं.
शुरुआत टाटा स्टील से हुई
रतन टाटा का पालन-पोषण उनकी दादी ने किया. अपनी शुरुआती पढ़ाई के बाद रतन टाटा ने 1959 में भारत में आर्किटेक्चर और स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और फिर अमेरिका के कॉर्नेल यूनिवर्सिटी से अपनी उच्च शिक्षा हासिल की. इसके बाद वह साल 1962 में भारत लौट आए और टाटा स्टील के साथ अपने करियर की शुरुआत की. हालाँकि, शुरुआत में वह एक कर्मचारी के रूप में शामिल हुए और अनुभव प्राप्त किया.