Aug 28, 2025
डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय दवाओं को दी टैरिफ से छूट: अन्य सामानों पर 50% टैरिफ लागू
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूसी तेल खरीद के जवाब में भारतीय सामानों पर 50% टैरिफ लगाया है। हालांकि, भारतीय दवा उद्योग को इससे छूट दी गई है। इसका कारण अमेरिका की जेनेरिक दवाओं पर निर्भरता है। यदि भारतीय दवाओं का आयात रुकता है, तो अमेरिकी स्वास्थ्य सेवाएं संकट में पड़ सकती हैं। इसलिए, ट्रंप ने जेनेरिक दवाओं को टैरिफ से बाहर रखा है। भारतीय फार्मास्युटिकल अलायंस के सुदर्शन जैन ने इसे किफायती स्वास्थ्य सेवाओं के लिए महत्वपूर्ण बताया। (शब्द गणना: 80)
टैरिफ का निर्णय और कारण
27 अगस्त, 2025 को लागू हुए 50% टैरिफ के बाद, भारतीय दवा निर्यातकों ने अपने शिपमेंट ऑस्ट्रेलिया स्थानांतरित करने शुरू किए, जिससे अमेरिकी स्वास्थ्य प्रणाली को खतरा पैदा हुआ। बसव कैपिटल के सह-संस्थापक संदीप पांडे के अनुसार, अमेरिका में आयातित दवाओं का 6% हिस्सा भारत से आता है। यह निर्भरता जेनेरिक दवाओं की किफायती आपूर्ति के लिए महत्वपूर्ण है, जो कम लाभ मार्जिन पर उपलब्ध हैं। धारा 232 के तहत जांच के बावजूद, ट्रंप ने भारतीय दवाओं को टैरिफ से छूट दी। यह निर्णय अमेरिकी स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिरता बनाए रखने के लिए लिया गया, क्योंकि भारतीय दवाएं वहां की मेडिकेयर प्रणाली का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। यदि यह छूट न दी जाती, तो दवाओं की कीमतें बढ़ने से मरीजों पर बोझ पड़ता और स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित होतीं। इस छूट से भारतीय दवा उद्योग को राहत मिली है, और यह दोनों देशों के व्यापारिक रिश्तों को मजबूत कर सकता है।
टैरिफ लागू होने के संभावित परिणाम
यदि भारतीय दवाओं पर टैरिफ लागू होता, तो कंपनियों को अपने अमेरिकी पोर्टफोलियो में कटौती करनी पड़ती। कई जेनेरिक दवाएं पहले से ही कम मार्जिन पर बिक रही हैं, जिसके कारण कंपनियां अमेरिका में बिक्री बंद कर सकती थीं। बढ़ी लागत का बोझ मरीजों पर पड़ता, जिससे स्वास्थ्य सेवाएं महंगी हो सकती थीं। अमेरिका में विनिर्माण सुविधाएं स्थापित करना भारतीय कंपनियों के लिए महंगा और समय लेने वाला है, इसलिए इस दिशा में प्रयास सीमित रहने की संभावना है। यदि कंपनियां अमेरिकी बाजार से हटतीं, तो उन्हें भारत, यूरोपीय संघ और अन्य बाजारों में आक्रामक रणनीति अपनानी पड़ती, जिससे मूल्य प्रतिस्पर्धा बढ़ सकती थी। यह स्थिति भारतीय दवा उद्योग के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकती थी, लेकिन नए बाजारों में अवसर भी दे सकती थी। ट्रंप का यह निर्णय भारतीय दवा उद्योग और अमेरिकी स्वास्थ्य सेवाओं दोनों के लिए फायदेमंद है। (कुल शब्द गणना: 320)