Feb 14, 2023
अपने इतिहास के लिए प्रसिद्ध , राजधानी भोपाल से 30 किलोमीटर की दुरी पर स्थित भोजपुर मंदिर , जिसे भोजेश्वर मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। इस मंदिर का अधूरा निर्माण इसकी ऐतिहासिक विशेषता को और ज़्यादा बड़ा देता है। इस मंदिर का निर्माण परमार वंश के राजा भोज ने करवाया था। इस मंदिर का शिवलिंग भी बहुत दुर्लभ है क्युकी इस शिवलिंग का निर्माण एक ही पत्थर से करवाया गया था जिसके कारण ये विश्व का एकमात्र ऐसा शिवलिंग है। भोजपुर मंदिर अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिए भी जाना जाता है और बेतवा नदी के पास बसने की वजह से मंदिर की सुंदरता और भी ज़्यादा निखर जाती है। इतिहासकारो की माने तो राजा भोज ने 11वी सदी में ये मंदिर बनवाया था। इस मंदिर की यह भी विशेषता है की इसके शिवलिंग की उचाई 5 मीटर से भी ज़्यादा है जो भक्तजनों के लिए बड़ा आकर्षण का केंद्र है। कहा ये भी जाता है की इस मंदिर का निर्माण आज भी अधूरा है क्युकी इस मंदिर को किसी वजह से एक ही रात में बनवाना था लेकिन ऐसा नहीं हो सका जिस वजह से सुबह होते ही मंदिर का निर्माण रोक दिया गया और आज तक ये निर्माण कार्य रुका हुआ ही है। इस मंदिर को यहाँ होती पूजा भी ख़ास बनती है क्युकी शिवलिंग बड़ा होने की वजह से अभिषेक ज़मीन पर खड़ा हो कर नहीं किया जा सकता इसीलिए हमेशा ही शिवलिंग का पूजन जलहरी पर चढ़कर किया जाता है।
भोजपुर मंदिर को लेकर यह भी मान्यता है की इस मंदिर को पांडवो ने उनके अज्ञातवास के दौरान उनकी माता कुंती के लिए बनवाया था।
आज इस मंदिर पर साल में दो बार भव्य मेले का आयोजन होता है और खासतौर पर महाशिवरात्रि पर भक्तजन यहाँ होने वाले भोजपुर महोत्सव का भी हिस्सा बनते है।








