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जी-20 शिखर सम्मेलन उत्तराखंड: रामनगर आज से पहली बैठक के लिए तैयार, 29 देशों के 56 प्रतिनिधि पहुंचेंगे

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Mar 28, 2023

उत्तराखंड के रामनगर में 28 से 30 मार्च तक चलने वाला जी-20 शिखर सम्मेलन मंगलवार से शुरू होगा। समिट में आने वाले मेहमानों के स्वागत के लिए रामनगर तैयार है। रामनगर में आज से शुरू होगा गोलमेज कार्यक्रम। शिखर सम्मेलन में 29 देशों के 56 प्रतिनिधि पहुंच रहे हैं। उनकी सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। मेहमानों को पंतनगर एयरपोर्ट से रामनगर ले जाने के लिए विशेष इंतजाम किए जाएंगे। एयरपोर्ट से गढ़ापू के बीच 350 जगहों पर 1500 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है. मार्ग पर लगे 34 सीसीटीवी से सीधे पुलिस कंट्रोल रूम से नजर रखी जा रही है।

नैनीताल के रामनगर में होने वाले मुख्य विज्ञान सलाहकार गोलमेज कार्यक्रम की पहली बैठक दो दिनों तक चलेगी। इसके बाद दूसरी बैठक 25 से 27 मई तक ऋषिकेश के नरेंद्र नगर में होगी। यह बैठक एंटी करप्शन वर्किंग ग्रुप की होगी। तीसरी बैठक 26 से 28 जून तक ऋषिकेश के नरेंद्र नगर में होगी। इस बैठक में इंफ्रास्ट्रक्चर वर्किंग ग्रुप विचार-विमर्श करेगा।

इन देशों के प्रतिनिधि होंगे शामिल
द ग्रुप ऑफ़ ट्वेंटी (G-20) एक अंतर सरकारी मंच है। इनमें 20 देश अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोपीय संघ शामिल हैं। है इसके साथ ही मित्र देशों बांग्लादेश, मिस्र, मॉरीशस, नीदरलैंड, नाइजीरिया, ओमान, सिंगापुर, स्पेन और संयुक्त अरब अमीरात के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे।दुनिया के ये 13 संगठन शामिल होंगे।
केंद्रीय रक्षा और पर्यटन राज्य मंत्री अजय भट्ट ने कहा कि समिट में दुनिया के 13 संगठन भी हिस्सा लेंगे। इनमें संयुक्त राष्ट्र (UN), अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF), विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO), विश्व व्यापार संगठन (WTO), विश्व श्रम संगठन (ILO), वित्तीय स्थिरता बोर्ड (FSB), ATD (एशियाई विकास बैंक) शामिल हैं। ह ाेती है , OECD (आर्थिक सहयोग और विकास संगठन), AU अध्यक्ष (अफ्रीकी संघ), NEPAD अध्यक्ष (अफ्रीकी वर्ग के लिए नई भागीदारी), एशियाई अध्यक्ष (दक्षिण एशियाई राष्ट्रों का सहयोगी), ISA (अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन), CDRI (डिजिटाइज़र के लिए गठबंधन) ). लचीला बुनियादी ढांचा)) शामिल हैं।
 
इन मुद्दों पर होगी भारत की प्राथमिकताएं
1. हरित, विकास, जलवायु वित्त और जीवन।
2. तीव्र, समावेशी और लचीला विकास।
3. एसडीजी (सतत विकास लक्ष्यों) पर प्रगति में तेजी लाना।
4. तकनीकी परिवर्तन और डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना।
5. 21वीं सदी के लिए बहुपक्षीय संगठन।
6. महिला नेतृत्व का विकास।