Oct 19, 2024
करवा चौथ महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण त्योहार है। इस व्रत को महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए अपनी पूरी श्रध्दा से करती हैं। हर वर्ष यह व्रत कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को रखा जाता है और इस वर्ष यह तिथि 20 अक्टूबर रविवार के दिन आ रही है।इस दिन सभी सुहागन अपना व्रत रखेंगी। यह व्रत पूरी तरह से निर्जला होता है इस दिन सभी महीलाएं लाल रंग के कपड़े पहन कर चंद्रमा की पूजा करती हैं।
क्या है करवा चौथ का महत्व
करवा चौथ का त्यौहार का अपना ही अलग महत्व होता है ।इस दिन पति की लंबी उम्र की कामना के लिए पत्नी पूरें दिन का व्रत रखती है और रात में चंद्रमा का पूजन कर अपना व्रत अपने पति के हाथों तोडती हैं। इस व्रत को करने से वैवाहिक जीवन की परेशानियां दूर होती हैं साथ ही और सुख शांती बनी रहती हैं। ऐसा माना जाता है की कि इस व्रत के जैसा कोई और सौभाग्यदायक व्रत नहीं है क्योंकि हमारे हिन्दू धर्म में पति को परमेश्वर के रुप में माना जाता है।इस व्रत को करने से मन शांत होता है साथ ही भगवान का आशीर्वाद वैवाहिक जीवन में बना रहता हैं।
पूजा विधी
इस दिन सुबह ज्लदी उठकर सबसे पहले स्नान करना चाहिए और पूरें मन से इस पवित्र व्रत को रखना चाहिए। फिर पूजा घर में साफ सफाई कर भगवानों का पूजा करनी चाहिए। शाम होते चंद्रमा का इंतजार कर तुलसी की पूजा करें साथ ही दीपक प्रज्वलित करें और करवाचौथ की कथा पढ़े। यह व्रत ध्यान से पूरे दिन निर्जला यानी बिना पानी के रखना चाहिए। चंद्रमा की पूजा के लिए थाली में धूप-दीप, रोली, पुष्प, फल, मिष्ठान आदि रख लें। मिट्टी के बने करवा में चावल रख कर एक थाली में शृंगार का सारा सामान भी रख लें। चंद्रमा के निकलते ही चंद्र दर्शन कर उसकी पूजा करनी चाहिए। सभी भगवानों की पूजा कर फल-फूल अर्पित करें। शृंगार के सभी सामान की भी पूजा करें। दीपक जला कर चंद्रमा की पूजा करें।