Mar 26, 2023
नई दिल्ली। स्वीटी बूरा एक राज्य स्तर की कबड्डी खिलाड़ी थीं लेकिन उन्होंने अपने पिता की सलाह पर मुक्केबाजी की ओर रुख किया। 2009 में 15 साल की उम्र में पहली बार बूरा ने बॉक्सिंग ट्रेनिंग सेंटर ज्वाइन किया। किसान महेंद्र सिंह की बेटी स्वीटी को शुरू में काफी बाधाओं और रिश्तेदारों के विरोध से पार पाना पड़ा। वह जुते हुए खेतों में ट्रेनिंग करती थीं।
उन्हें करियर बनाने के लिए हरियाणा से बाहर जाने के लिए कहा गया। आखिरकार, सालों से बाधाओं के खिलाफ लड़ते हुए, स्वीटी देश की शीर्ष महिला मुक्केबाजों में से एक बनकर उभरी हैं। वह 2014 विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक विजेता थीं। शनिवार को उन्होंने नई दिल्ली में महिला वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल अपने नाम किया।
30 साल की इस बॉक्सर ने हाल ही में जॉर्डन में एशियाई चैंपियनशिप में भी स्वर्ण पदक जीता था और भोपाल राष्ट्रीय चैंपियनशिप में अपने राष्ट्रीय खिताब का बचाव भी किया था। कौन हैं स्वीटी बूरा 80 किग्रा कैटेगरी की बॉक्सर स्वीटी बूरा हरियाणा के हिसार की रहने वाली हैं। छोटा किसान होने के कारण पिता महेंद्र सिंह की आर्थिक स्थिति कमजोर थी। गांव और रिश्तेदारों की विरोध के बाद भी पिता ने बेटी का साथ दिया। गांव वाले पिता पर भी ताने मारते, लेकिन उन्होंने इसकी परवाह नहीं की और बेटी को हिसार बॉक्सिंग प्रैक्टिस के लिए भेजा। मेहनत जल्द रंग लाई। 2009 में बेटी ने 3 महीने के भीतर स्टेट लेवल पर गोल्ड मेडल जीत पिता का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया।
शादी के 10 दिन बाद ही प्रैक्टिस : स्वीटी के पति दीपक हुड्डा भारतीय कबड्डी टीम के खिलाड़ी हैं। वह प्रो कबड्डी लीग में बड़ा नाम हैं। उन्होंने स्वीटी को कभी भी ट्रेनिंग से नहीं रोका। पिछले साल ही दोनों की शादी हुई थी। शादी के 10 दिन बाद से ही स्वीटी ने ट्रेनिंग शुरू करदी थी।