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Hariyana Election : हरियाणा विधानसभा चुनावों में देखने को मिल रहा है अलग तरीके का 'परिवारवाद' , यहां अपनों के खिलाफ ही चुनावी मैदान में है लोग

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Sep 14, 2024

Hariya Election News : हरियाणा विधानसभा चुनाव कुछ ही दिन दूर हैं और उम्मीदवारों की घोषणा का समय चल रहा है. इस चुनाव में परिवारवाद देखने को मिलेगा. राज्य के तीन सबसे प्रभावशाली राजनीतिक परिवार-चौटाला, भजन लाल और बंसीलाल-चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे. इन परिवारों के 13 सदस्य चुनाव लड़ रहे हैं.

पूर्व डिप्टी पीएम देवीलाल के परिवार के आठ सदस्य चुनाव मैदान में हैं. इनमें अभय चौटाला, दुष्‍यंत चौटाला, सुनैना चौटाला, अर्जुन चौटाला, रणजीत सिंह चौटाला, अमित सिहाग चौटाला, आदित्‍य चौटाला और दिग्विजय चौटाला शामिल हैं.

इसके अलावा भजन लाल परिवार के तीन सदस्य उनके बेटे चंद्र मोहन, पोते भावी बिश्नोई और भतीजे दुरा राम भी चुनाव लड़ रहे हैं. बंसीलाल परिवार से उनके पोते अनिरुद्ध चौधरी और श्रुति चौधरी भी चुनाव लड़ रहे हैं.

विधानसभा पहुंचने के लिए लगाया दांव, वो सीटें जहां परिवार के लोग आमने-सामने

डबवाली

विधानसभा क्षेत्र में चौटाला परिवार के बीच रोमांचक टक्कर देखने को मिल रही है. जहां चाचा-भतीजा और भाई आमने-सामने चुनाव लड़ रहे हैं.

जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के दिग्विजय चौटाला अपने चाचा आदित्य चौटाला के खिलाफ मैदान में हैं. आदित्य देवीलाल के बेटे जगदीश चंद्रा के बेटे हैं. वह इंडियन नेशनल लोकदल (आईएनएलडी) के उम्मीदवार हैं.

कांग्रेस के अमित सिहाग चौटाला, दिग्विजय चौटाला के भाई हैं. अमित सिहाग डॉक्टर केवी सिंह के बेटे हैं. उनके दादा स्वर्गीय राम चौधरी देवीलाल के भाई थे.

रनिया

यहां भी चौटाला परिवार के सदस्य एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं. ओम प्रकाश चौटाला के भाई रणजीत सिंह चौटाला देवीलाल के तीसरे बेटे हैं. वह इस सीट से मौजूदा विधायक हैं. वह फिर से निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे. इस बार उन्हें जेजेपी का समर्थन मिला है. उनका मुकाबला अभय चौटाला के बेटे और पोते अर्जुन चौटाला से होगा जो इनेलो के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं.

तोशाम

इस सीट पर हरियाणा के पूर्व सीएम बंसीलाल परिवार के सदस्यों के बीच टक्कर होगी. वहां बंसीलाल की पोती श्रुति चौधरी का मुकाबला उनके चचेरे भाई अनिरुद्ध चौधरी से होगा. श्रुति बीजेपी से और अनिरुद्ध कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. दिलचस्प बात यह है कि श्रुति पहले कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ चुकी हैं और जब उन्हें सफलता नहीं मिली तो वह अपनी मां के साथ बीजेपी में शामिल हो गईं.

उच्च कला

इस सीट पर बीरेंद्र सिंह परिवार और चौटाला परिवार के बीच प्रतिद्वंद्विता है. पिछले 2019 के चुनाव में दुष्यंत चौटाला ने बीरेंद्र सिंह की पत्नी और बृजेंद्र सिंह की मां प्रेम लाला को हराया था. इसका बदला लेने के लिए बृजेंद्र सिंह ने दुष्‍यंत चौटाला के खिलाफ चुनाव लड़ने का मन बना लिया है.

हालांकि, प्रेम लाला इससे पहले 2014 में भी दुष्‍यंत को हरा चुके हैं. पिछले दो चुनाव रिकॉर्ड के मुताबिक इस सीट पर दोनों परिवारों की जीत का अनुपात 50-50 का है. अब इस बार देखने वाली बात होगी कि जनता किस परिवार के सदस्य को अपना नेता मानती है.

फतेहाबाद

इस सीट का मुकाबला भी दिलचस्प है. ओपी चौटाला के भाई प्रताप सिंह चौटाला की बहू सुनैना चौटाला इनेलो से चुनाव लड़ रही हैं और उनका मुकाबला भजन लाल के भतीजे दुरा राम से है, जो मौजूदा बीजेपी विधायक हैं. दुरा राम ने पिछला चुनाव जेजेपी के डॉक्टर वीरेंद्र सिवाच को हराकर जीता था. इनेलो की सुमन लता छठे स्थान पर रहीं और उन्हें केवल 2,111 वोट मिले.

अम्बाला कैंट

कांग्रेस नेता चित्रा सरवारा ने पार्टी उम्मीदवार परविंदर सिंह परी के खिलाफ स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने का फैसला किया है. चित्रा को पार्टी की वरिष्ठ नेता कुमारी शैलजा का करीबी माना जाता है. जबकि उनके पिता पूर्व सीएम भूपिंदर सिंह हुड्डा के करीबी बताए जाते हैं. कुमारी शैलजा परविंदर सिंह परी को टिकट दिलाने में कामयाब रहीं. दोनों का मुकाबला बीजेपी के दिग्गज नेता अनिल विज से है, जो सातवीं बार चुनाव लड़ रहे हैं.

कांग्रेस ने चित्रा के पिता निर्मल सिंह चौधरी को अंबाला शहर से मैदान में उतारा है. उनका मुकाबला पार्टी के दो बागियों हिम्मत सिंह और जसबीर मल्लौर से भी है, जो निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं.

होना

हरियाणा के पूर्व कृषि मंत्री जसविंदर सिंह संधू के दो बेटे जसतेज संधू और गगनजोत संधू पिहोवा विधानसभा क्षेत्र से एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं. जिसमें जसतेज कांग्रेस और गगनजोत इनेलो से टिकट की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन नहीं मिले. कांग्रेस ने इस सीट से पूर्व वित्त मंत्री हरमोहेंद्र सिंह चड्ढा के बेटे मनदीप सिंह चड्ढा को मैदान में उतारा है और इनेलो ने बलदेव सिंह को टिकट दिया है.

एक पारिवारिक लड़ाई जो सफल नहीं हो सकी

चरखी दादरी एक और निर्वाचन क्षेत्र हो सकता था. जहां रिश्तेदार बबीता फोगाट और विनेश फोगाट आपस में भिड़ती नजर आ सकती थी लेकिन ऐसा नहीं हुआ. कांग्रेस ने जुलाना से विनेश फोगाट को मैदान में उतारा और बीजेपी ने बबीता को टिकट नहीं दिया. अब वह सिर्फ स्टार प्रचारक हैं. बबीता 2019 में अपना पहला चुनाव हार गईं थी और तीसरे स्थान पर रहीं थी.

Report By:
Devashish Upadhyay.