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लापरवाही के कारण लगातार 3 हादसों से घिरा देश, दिल्ली में 7 नवजातों की मौत भी इसमें शामिल

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May 29, 2024

हाईलाइट्स

·         दिल्ली के एक बेबी केयर सेंटर में 7 नवजातों की मौत

·         राजकोट में गेमिंग जोन में लगी भीषण आग

·         हाई कोर्ट है गुजरात सरकार से नाराज

देशभर में भीषण गर्मी के चलते कई आग लगने के हादसे सामने आ रहे है। ऐसे ही शनिवार को 3 दिल देहलाने वाले मामले सामने आए। जिसमें गुजरात के राजकोट के एक गेमिंग ज़ोन में आग लग जाने से लगभग 28 लोगों की मौत हो गई। वहीं शाम को आई खबरों के मुताबिक दिल्ली में लापरवाही के चलते एक बेबी केयर सेंटर में आग लगने से 7 बच्चों की मौत हो गई. वहीं, देर रात दिल्ली के ही एक घर में आग लगने से तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि 11 लोग घायल भी हो गए।फेक्टस के मुताबिक इन सभी मामलों में लापरवाही बरती गई, जिसकी वजह से देश ने इतनी जाने गवाई ।सबसे दुखद बात यह है कि इसमे नवजात और बच्चे भी शामिल हैं।

टीआरपी गेम ज़ोन की लापरवाही

राजकोट में गेमिंग सेंटर इल्लीगल परिसर में बनाया गया था और फायर सेफ्टी की NOC भी नहीं थी और यह सब कुछ पिछले चार साल से चल रहा था। गुजरात हाईकोर्ट ने कहा कि नगर प्रशासन और गुजरात सरकार पर बिल्कुल भरोसा नहीं रहा। यह त्रासदी आंखें खोलने वाली है, सबसे दुखद बात यह है कि इसमें मासूम बच्चों की भी मौत हुई है। गुजरात हाईकोर्ट ने 26 मई 2024 को राजकोट TRP गेम जोन हादसे पर एक्शन लेकर सुनवाई शुरू की थी। हाईकोर्ट ने रविवार को भी सुनवाई की। विशेष जज बीरेन वैष्णव और देवेन देसाई की बेंच बैठी थी। हाईकोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष ब्रिजेश त्रिवेदी और अधिवक्ता अमित पांचाल ने दलीलें दीं। हाईकोर्ट ने अहमदाबाद, सूरत, वडोदरा और राजकोट में गेम जोन के नियमों पर दलीलें पेश करने का आदेश दिया था।

दरअसल टीआरपी गेम ज़ोन में  1500 और 2000 लीटर डीजल जमा करके रखा था।जिसकी वजह से आग इतनी फैल गई और पूरा स्ट्रकचर जलकर राख हो गया।

दिल्ली में एक्सपायर्ड लाईसेंस से चला रहे थे हॉस्पिटल

पूर्वी दिल्ली के विवेक विहार में शनिवार रात एक दर्दनाक हादसा हो गया जहां एक शिशु देखभाल केंद्र (Baby Care Centre) में आग लगने से 7 नवजात शिशुओं की मौत हो गई और 5 बच्चों का अभी अस्पताल में इलाज चल रहा है। दिल्ली पुलिस ने बेबी केयर सेंटर के मालिक डॉक्टर नवीन खिची को गिरफ्तार कर लिया है। उसे दिल्ली से गिरफ्तार किया गया है। लेकिन इस हादसे को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता क्योंकि दिल्ली पुलिस के द्वारा कहा गया कि यह अस्पताल एक्सपायर्ड लाईसेंस के साथ चलाया जा रहा था।साथ ही यहां सुरक्षा उपकरणों की भी कमी बताई जा रही है।

गैरकानूनी स्कूटर गोदाम से लगी भीषण आग

तींसरा हादसा अस्पताल से पांच किलोमीटर दूर हुआ। दिल्ली के कृष्णा नगर में एक आवासीय परिसर में रविवार के दिन आग लगने से तीन लोगों की मौत हो गई और 10 से अधिक लोग घायल हो गए। आग इमारत के पार्किंग स्थान में एक अवैध स्कूटर गोदाम में शुरू हुई और ऊपरी मंजिलों तक फैल गई।पीड़ित परिवारों का आरोप है कि इमारत का निर्माण अवैध रूप से किया गया था और इसमें चार के बजाय आठ फ्लेट बनाए गए।

सरकार और लोगों को बरतनी होगी सावधानी

इन सभी हादसो में लापरवाही के साथ-साथ कानूनों का भी उलंघन किया गया है।सरकार को इस लापरवाही पर कड़ी सख्ती बरतनी चाहिए औंर कानूनो के सख्ती से निर्वाचन पर भी कड़ी नजर रखनी चाहिए।इस तरह के गैरकानूनी कार्यो पर लापरवाही सीधे सरकार और ब्यूक्रेसी पर बड़ा सवाल उठाती है।हमारी सरकार को और ब्यूक्रेसी को सशख्त होने की आवश्यकता है, साथ ही इन कार्यों से हो रहे हादसों पर कड़ी जाँच पड़ताल से इन्हें कम करने की कोशिश करनी चाहिए।एक रिपोर्ट के जरिए पता चला कि 2021 में आग से हुए हादसो की संख्या 1808 थी वहीं 2022 में यह 1567 थी।

लोगो को भी इन हादसों से सीख लेकर जागरुक होना चाहिए कि किसी अस्पताल, ऑफिस ,होटल या पब्लिक स्थानों पर जाने से पहले जाँच पड़ताल करनी चाहिए,संस्थानों औंर व्यवसथाओं की जानकारी लेकर ही जानी चाहिए, किसी गैरकानूनी इमारतों के निर्माण की खबरों की जानकारी से वंचित नही होना चाहिए। साथ ही लोगो को आग बुझाने के यंत्रो से अपने बचाओ करने पर भी ध्यान केंद्रित करना होगा।

Report By:
Author
Swaraj