Sep 30, 2024
आज की लाइफस्टाइल से लोगों में कई तरह की बीमारी होने का खतरा बढ़ गया है।ऐसे में गलत लाइफस्टाइल को फॉलो करने के चक्कर में कार्डियक अरेस्ट जैसे मामले आज के समय में काफी सामने आते है। पिछले कुछ सालों में कार्डियक अरेस्ट के केस इतने बढ़ गए हैं कि लोगों को अपनी सेहत को लेकर अब डर लगने लगा है। कार्डियक अरेस्ट एक इमरजेंसी कंडीशन है जब दिल अचानक से धड़कना बंद कर देता है, इसे सडन कार्डियक अरेस्ट भी कहा जाता है। इसका जल्दी उपचार नहीं किया तो व्यक्ति, इस कारण से बेहोश भी हो सकता है, या शायद उसकी मृत्यु भी हो सकती है।
कार्डियकअरेस्ट और हार्ट अटैक दोनो अलग होते है
1 हार्ट अटैक तब आता है जब ब्लड हृदट तक सही से नहीं पहुच पाता है वही कार्डियक अरेस्ट तब होता है जब दिल में इलेक्ट्रिकल सिस्टम फैल हो जाता है।
2 हार्ट अटैक के समय हृदय की जरूरी मांसपेशियों में ब्लड फ्लो बंद हो जाता है और कार्डियक अरेस्ट के समय व्यक्ति के हृदय के साथ पूरे शरीर में भी ब्लड फ्लों बंद होता है।
3 हार्ट अटैक से होने वाले बंद ब्लड फ्लों से ऑक्सीजन की कमी होती है जिससे हार्ट के कुछ हिस्से खत्म होने लगते हैं वही दूसरी और कार्डियक अरेस्ट में दिल धड़कना बंद हो जाता है।
कार्डियकअरेस्ट के लक्षण
1अचानक से बेहोश होना
2सांस लेने में दिक्कत होना
3 बार बार चक्कर आना
4 शरीर में कमज़ोरी होना
5 दांत में दर्द होना
6 धड़कन तेज होना
CPR क्या है और क्यों देना है जरूरी
CPR (Cardiopulmonary Resuscitation)एक तरीका है जिससे कार्डियक अरेस्ट आने पर लोगों की जान बचाई जा सकती हैं। इस तरीके से रुके हुए हृदय को फिर से चालू करने का प्रयास किया जा सकता है। यह एक सरल तरीका है जो हर कोई आसानी से कर सकता है।CPR हर किसी को देना आना चाहिए यह एक कदम किसी व्यक्ति की जान बचा सकता है। इससे शरीर और हृदम में ब्लड फ्लो बना रहता है साथ ही शरीर की कोशिकाओं को जीवित रखने में भी मदद मिलती है।
कैसे देते है CPR
कार्डियक अरेस्ट के दौरान हार्ट अगर काम नहीं कर रहा है तो एमरजेंसी सर्विस के आने तक CPR का तरीका अपना कर किसी की जान बचाई जा सकती है। पहले तो व्यक्ति को सही से लेटा दे फिर चेक करें की सांस चल रही है या नहीं ,अगर नहीं चल रही है तो CPR दे। CPR देने के लिए अपने एक हाथ को दूसरे हाथ से लॉक करें ओर छाती को जोर से कंप्रेस करें । एक मिनट में कम से कम 100 से 120 बार तक छाती कंप्रेस करें । साथ ही 15 से 20 बार मुंह में सांस दें। छाती को कंप्रेशन के साथ माउथ-टू- माउथ सांस देना भी जरूरी है ताकी ब्लड फ्लो के साथ ऑक्सीजन फ्लो भी बना रहें।