Dec 16, 2016
लखनऊ। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अगला विधानसभा चुनाव बुंदेलखंड की किसी सीट से लड़ सकते हैं। शुक्रवार को यहां राजधानी लखनऊ के एक कार्यक्रम में उन्होंने इस आशय़ के संकेत दिये। जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, राजनीतिक गतिविधयां भी उसी रफ्तार से तेज हो रही हैं। शुक्रवार को अखिलेश ने यह कहकर सबको चौंका दिया कि बुंदेलखंड के कार्यकर्ता उन्हें बुंदेलखंड की किसी सीट से चुनाव लड़वाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि हालांकि वे उच्च सदन के सदस्य हैं, इसके बावजूद वे भी बुंदेलखंड से चुनाव लड़ना चाहते हैं। वे पार्टी अध्यक्ष को इस बाबत अपनी राय से अवगत करा देंगे और यदि सबकी राय बनी तो बुंदेलखंड की किसी सीट से चुनाव मैदान में भी उतरेंगे।
अखिलेश एक बार फिर पूरी रौ में बोलते दिखे। उनके विरोध के बावजूद कौमी एकता दल के पार्टी में विलय के सवाल पर कहा कि जब वे प्रदेश अध्यक्ष थे, तो विलय का विरोध किया था। अब वे पार्टी अध्यक्ष ही नहीं हैं, तो इस पर कुछ कैसे बोल सकते हैं। जहां तक टिकट वितरण में भूमिका की बात है, तो वे अपनी सूची राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव को दे देंगे। दावा किया कि उनकी पार्टी में लोकतंत्र है और सबकी बात सुनी जाती है। ऐसे में पार्टी अध्यक्ष उनकी बात भी सुनेंगे और टिकट उनकी मंशा के अनुरूप ही मिलेंगे।
कांग्रेस से गठबंधन पर अखिलेश ने कहा कि देश की जनता सेकुलर ताकतों को एकजुट देखना चाहती है। उत्तर प्रदेश के लोग भी दोबारा समाजवादी पार्टी की सरकार चाहते हैं। ऐसे में कांग्रेस व समाजवादी पार्टी मिल कर चुनाव लड़ें तो प्रदेश में तीन सौ से अधिक सीटें जीतेंगे। फैसला पार्टी अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव सुनाएंगे। अभी इस मामले में चुप्पी है, क्योंकि हम नहीं चाहते कि बीच के लोग कुछ गड़बड़ करें। बीच के लोगों को गड़बड़ करने से रोकने के लिए ही चीजें छुपा कर रखी गयी हैं। इस मसले पर बसपा मुखिया मायावती के बार-बार बयान देने पर उन्होंने कहा कि इससे उनकी हताशा साफ नजर आ रही है।
कांग्रेस द्वारा अखिलेश के नेतृत्व में ही गठबंधन किये जाने की शर्त पर मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने तो अपनी राय बता दी है किन्तु हमारी पार्टी की राय भी तो यही हो, तभी स्थितियां स्पष्ट होंगी। इस पर ठहाके लगे, तो बोले कि हम बहुमत की सरकार बनाने जा रहे हैं। पार्टी के भीतर अधिकार न मिलने के सवाल पर कहा कि कई बार अधिकार छीन भी लिये जाते हैं। एक कार्यक्रम का हवाला देते हुए कहा कि जब वरिष्ठ नेताओं के सामने उन्हें तलवार भेंट की गयी तो उन्होंने खुल कर कह दिया था कि तलवार दे रहे हो तो चलाने की अनुमति भी दो।
तीन मुद्दों पर होगा चुनाव
अखिलेश ने कहा कि उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव मुख्य रूप से तीन मुद्दों पर होंगे। वे अपनी सरकार के विकास कार्यों की थाती लेकर जनता के बीच जा रहे हैं। हमारे विकास मॉडल के साथ मोदी सरकार के अच्छे दिन के वादे न पूरे होने नोटबंदी के कारण उत्पन्न प्रतिकूल परिस्थितियां भी इस बार विधानसभा चुनाव में बड़ा मुद्दा बनेंगी। मोदी सरकार ने नोटबंदी का फैसला कर बड़ा मौका दिया है। समाजवादियों को इस मौके का लाभ उठाना चाहिए। मैं चाहता हूं की भाजपा ऐसा ही एक और फैसला कर ले। वैसे राजनीति में कुछ भी हो सकता है, चुनाव आते-आते देखो क्या-क्या होता है।
हमें मिला था खाली खजाना
मुख्य़मंत्री ने कहा कि पांच साल पहले जब उन्होंने सत्ता संभाली थी, उन्हें खाली खजाना मिला था। इसके बावजूद हमने इन्फ्रास्ट्रक्चर मजबूत करने पर फोकस किया। आगरा लखनऊ एक्सप्रेस वे 23 दिसंबर से जनता के लिए खुल जाएगा। जिला मुख्यालयों को फोर लेन सड़कों से जो़ड़ने की योजना पर अमल किया गया है। लैपटाप से डिजिटल डिवाइड खत्म करने में सफलता पाई है और मोबाइल के लिए एक करोड़ लोग आवेदन कर चुके हैं। दावा किया कि केंद्र सरकार ने कैशलेस इकॉनमी की बात करना अब शुरू किया है, हम तो पहले से ही इसकी तैयारी कर रहे थे।