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पेटीएम और चीनी कंपनी अलीबाबा के रिश्तों की जांच करेगा RSS

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Nov 28, 2016

नई दिल्ली। आरएसएस भारतीय कंपनी पेटीएम और चीनी कंपनी अलीबाबा के रिश्तों की जांच करेगा। संघ जानेगा कि क्या चीनी कंपनी ने पेटीएम में निवेश किया है? क्या निवेश के बदले में पेटीएम चीनी कंपनी को भारतीय ग्राहकों का डाटा उपलब्ध करा रहा है। इस बाबत संघ ने अपनी आर्थिक विश्लेषण करने वाली टीमें गठित की हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की आर्थिक इकाई स्वेदशी जागरण इस बाबत पड़ताल करेगी। दरअसल, संघ लंबे समय से चीनी माल के विरोध में अभियान चलाए हुए हैं। इस बीच संघ को अंदेशा है कि पेटीएम में निवेश कर चीनी कंपनी अलीबाबा भारतीयों का डाटा हासिल कर रही है।

मंच के सह-संयोजक अश्विनी महाजन ने कहा कि हमने पेटीएम में चाइनीज हिस्सेदारी को लेकर कई खबरें देखी हैं। चूंकि अब हम कैशलेस ट्रांजेक्शंस की तरफ बढ़ रहे हैं, लिहाजा हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि भारतीय लोगों की तरफ से साझा किया गया डाटा सुरक्षित रहे। किसी भी भारतीय कंपनी को विदेशी कंपनियों के साथ डाटा साझा नहीं करना चाहिए। निवेश की प्रक्रिया को बेहद पारदर्शी बनाया जाना चाहिए।

अलीबाबा के निदेशक पेटीएम बोर्ड में शामिल

अलीबाबा ग्रुप के ग्लोबल मैनेजिंग डायरेक्टर केगुरु गोरप्पन पिछले महीने पेटीएम के बोर्ड में अतिरिक्त निदेशक के तौर पर शामिल हुए थे। वह भारतीय बाजार में प्रवेश के लिए पेटीएम को अहम हथियार बना सकती है। बता दें कि कुछ महीने पहले पेटीएम 40 करोड़ डॉलर यानी तकरीबन 2,700 करोड़ रुपये जुटाने के अंतिम चरण में है। फंडिंग के इस दौर में अलीबाबा और अलीपे के भी हिस्सा लेने की संभावना है।

केंद्र को सौंपी जाएगी रिपोर्ट

महाजन ने कहा कि स्वदेशी जागरण मंच के एक्सपर्ट मेंबर्स प्राथमिकता के आधार पर पेटीएम की पड़ताल कर रहे हैं । इस कंपनी में चाइनीज हिस्सेदारी के मसले पर दिल्ली में मंच की होने वाली आगामी बैठक में चर्चा की जाएगी। महाजन ने बताया कि पड़ताल के आधार पर हम केंद्र सरकार से संपर्क करेंगे। वो कहते हैं कि मेक इन इंडिया सिर्फ सामान का मामला नहीं है। हम ई-कॉमर्स में एफडीआई की इजाजत नहीं दिए जाने के लिए सरकार से बातचीत कर रहे हैं। हम चाहते हैं कि सर्विस प्रोवाइडर्स पूरी तरह से भारतीय हों।