Aug 26, 2024
India imports oil from Russia: प्रधानमंत्री मोदी की यूक्रेन यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच चार समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इस यात्रा के दौरान यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने भारत से रूस से तेल न खरीदने की अपील की थी. जिसके बाद भारत ने रूस से तेल खरीदने के पीछे की वजह बताई है.
ज़ेलेंस्की की भारत से अपील
यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने प्रधानमंत्री मोदी से बातचीत में भारत के रूस से तेल खरीदने के फैसले पर चिंता जताई. उन्होंने कहा, 'अगर भारत और अन्य देश रूस से तेल खरीदना बंद कर दें तो इससे रूस के लिए बड़ी चुनौतियां पैदा हो सकती हैं।'
ज़ेलेंस्की ने आगे कहा, 'अगर भारत और भारतीय चाहें तो रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म करने में निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं।'
विदेश मंत्री जयशंकर ने दिया जवाब
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मीडिया से बातचीत के दौरान ज़ेलेंस्की की अपील का जवाब दिया। उन्होंने कहा, 'भारत पहले ही रूस के साथ अपने तेल व्यापार के बारे में बता चुका है. हमने यूक्रेनी पक्ष को यह समझाने की कोशिश की कि ऊर्जा बाजार का परिदृश्य क्या है, सच्चाई यह है कि आज कई ऊर्जा उत्पादकों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, जिसके कारण संभावित विकल्प बहुत कम हो गए हैं। ये मजबूरी है, असल में सिर्फ मजबूरी नहीं. मेरा मतलब है कि यह पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था के हित में है, ताकि तेल की कीमतें उचित और स्थिर रहें।'
गौरतलब है कि यूक्रेन युद्ध के बाद भारत ने रूस से तेल खरीद बढ़ा दी है। युद्ध से पहले भारत अपनी कुल तेल आवश्यकताओं का 2 प्रतिशत से भी कम तेल रूस से आयात करता था। जो अब बढ़कर 40 फीसदी हो गया है. इस बढ़ोतरी का कारण यह है कि भारत को रूस से रियायती दर पर तेल मिलता है, जो अन्य देशों की तुलना में काफी उचित है।
रूस-यूक्रेन को आपस में बात करनी चाहिए: मोदी
अपने यूक्रेन दौरे के दौरान रूस-यूक्रेन युद्ध पर बोलते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'भारत बुद्ध की भूमि है, हम युद्ध की नहीं शांति की बात करते हैं. युद्ध समस्या का समाधान नहीं हो सकता. समस्या का समाधान संचार और रणनीति पर आधारित है। दोनों पक्षों को एक-दूसरे के साथ संवाद शुरू करना चाहिए। रूस-यूक्रेन को बिना समय बर्बाद किए एक दूसरे से बात करनी चाहिए. '