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BRICS 2024: रुस और भारत की जगजाहिर दोस्ती , चीन से नजदीकी के क्या मायने ?

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Oct 24, 2024

रुस में आयोजित 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान नरेंद्र मोदी ने शी जिनपिंग से मुलाकात की. दोनों देशों के बीच एलओसी पर गश्त को लेकर सहमति बनने के बाद यह बातचीत हुई है. 

BRICS 2024 :  ब्रिक्स सम्मेलन रुस में चल रहा है. इस सम्मेलन में कई देशों का प्रतिनिधित्व करने वाले नेता मौजूद है. लेकिन खास बात ये है की इस सम्मेलन में लगभग 4 सालों के बाद चीन और भारत के शीर्ष नेता ने भी एक-दूसरे से मुलाकात की है.  गौरतलब है कि लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तनाव कम करने के लिए एलओसी के दोनों ओर की सेनाओं को पीछे हटाने को लेकर दोनों देशों के बीच बनी सहमति के बाद यह बैठक हुई है. 

रूस द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण के बाद आयोजित 16वें ब्रिक्स सम्मेलन ने सबसे महत्वपूर्ण संकेत दिया कि रूस को बेअसर करने की पश्चिम की योजना विफल हो गई है. जब मोदी कज़ान पहुंचे और सम्मेलन स्थल पर गए, तो राष्ट्रपति पुतिन ने न केवल उनसे हाथ मिलाया, बल्कि दोनों नेताओं ने एक-दूसरे को गले लगाया.

मोदी, पुतिन और शी जिनपिंग के बीच हल्की फुल्की बातचीत के बाद भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच द्विपक्षीय वार्ता हुई. पर्यवेक्षकों का मानना ​​है कि वार्ता लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर तनाव कम करने और देशों द्वारा दोनों पक्षों से सैनिकों को वापस बुलाने के फैसले पर केंद्रित होगी.

रुस-भारत की जगजाहिर दोस्ती 

इसके बाद राष्ट्रपति पुतिन ने मौजूद 36 देशों के नेताओं के लिए भव्य भोज का आयोजन किया. जिसमें मुख्य टेबल पर एक तरफ पुतिन और दूसरी तरफ नरेंद्र मोदी बैठे थे. इससे दूसरे देशों के प्रतिनिधियों को समझ आ गया कि भारत और रुस के संबंधो में पहले जैसी मजबूती ही है. 

चीन से नजदीकी के क्या मायने ?

पर्यवेक्षकों का कहना है कि चीन की ओर दोस्ती का हाथ बढ़ाने के पीछे मोदी का मकसद यह हो सकता है कि सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता के मुद्दे पर चीन के खिलाफ न आएं, भले ही चीन पक्ष में वोट न करे लेकिन कम से कम तटस्थ रहकर इससे दूर रहे.

Report By:
Devashish Upadhyay.