Oct 17, 2024
India & Canda Conflict : भारत-कनाडा संबंध इस समय बहुत तनावपूर्ण हैं, क्योंकि कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो (Justin Trudeau) ने कनाडा में खालिस्तान समर्थक नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत के शामिल होने का गंभीर आरोप लगाया है वो भी सार्वजनिक तौर पर. भारत ने इस दावे को सिरे से खारिज कर दिया है और ठोस सबूत मांगे हैं, जो कनाडा ने अब तक नहीं दिए हैं. अब पूरे मामले को लेकर ब्रिटेन ने भी अपनी बात रख दी है. लेकिन जो ब्रिटेन की तरफ से कहा गया है उससे भारत शायद खुश ना हो.
भारत के साथ कूटनीतिक विवाद के बीच ब्रिटेन ने कनाडा का समर्थन किया है. ब्रिटिश विदेश कार्यालय ने बुधवार (16 अक्टूबर) को एक बयान जारी कर संकेत दिया कि कनाडा के प्रधानमंत्री ट्रूडो द्वारा लगाए गए आरोपों के संबंध में भारत को कनाडा के साथ सहयोग करना चाहिए. कनाडा के प्रधानमंत्री ने आरोप लगाया है कि कनाडा में खालिस्तान समर्थक आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत सरकार के 'एजेंट' शामिल हैं. निज्जर की 18 जून, 2024 को कनाडा के सरे में अज्ञात हमलावरों ने हत्या कर दी थी. कनाडा ने ट्रूडो के दावे का समर्थन करने के लिए कोई सबूत नहीं दिया है.
ब्रिटिश विदेश कार्यालय ने अपने बयान में कहा, "हम कनाडा में स्वतंत्र जांच गंभीर घटनाक्रमों के बारे में अपने कनाडाई भागीदारों के संपर्क में हैं. ब्रिटेन को कनाडा की न्यायिक प्रणाली पर पूरा भरोसा है. कनाडा की कानूनी प्रक्रिया के साथ भारत सरकार का सहयोग सही कदम होगा."
कनाडा और ब्रिटेन के पीएम की हुई फोन पर बात , फिर ब्रीटेन ने दिया ये बयान
विदेश कार्यालय का यह बयान ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर (Keir Starmer) और ट्रूडो के बीच फोन कॉल के बाद आया है. एक बयान में डाउनिंग स्ट्रीट ने कहा कि दोनों नेताओं ने "कनाडा में जांच के तहत आरोपों के संबंध में हाल के घटनाक्रमों पर चर्चा की. दोनों ने कानून के शासन के महत्व पर सहमति व्यक्त की. वे जांच के निष्कर्ष तक निकट संपर्क में रहने के लिए सहमत हुए."
ट्रूडो ने भारत पर कनाडा की धरती पर हत्या और अन्य आपराधिक गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया है. भारत ने ऐसे सभी दावों को खारिज कर दिया है और बदले में कनाडा से ठोस सबूत मांगे हैं, जो कनाडा की ओर से नहीं दिए गए हैं.
जब कनाडा से भारत ने वापस बुला लिये अपने राजदूत
भारत और कनाडा के बीच विवाद उस समय अलग ही स्तर पर पहुंच गया जब कनाडा ने ओटावा में भारतीय उच्चायुक्त और अन्य भारतीय राजनयिकों को हत्या की जांच में 'हितधारक व्यक्ति' बताया. इसके बाद नाराज भारत ने उच्चायुक्त समेत अपने छह राजनयिकों को वापस बुला लिया और कनाडा के छह राजनयिकों को भारत से निष्कासित कर दिया.
ट्रूडो भारत का लगातार रहे है कड़े शब्दों में विरोध
ट्रूडो ने हाल के दिनों में कड़े शब्दों का इस्तेमाल करते हुए भारत पर 'बड़ी' और 'मौलिक' गलती करने का आरोप लगाया है. भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने अभी तक इस मुद्दे पर सीधे तौर पर कोई टिप्पणी नहीं की है. भारत के साथ-साथ दुनिया भर में ट्रूडो के आलोचकों ने कहा है कि ट्रूडो के हालिया कदम कनाडा में वोट बैंक जीतने के उद्देश्य से हैं.