Sep 29, 2024
लेबनानी चरमपंथी समूह हिजबुल्लाह को पश्चिम एशिया में एक शक्तिशाली अर्धसैनिक और राजनीतिक बल में बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले नेता हसन नसरल्लाह इजरायली हवाई हमले में मारे गए हैं. इसके बाद से ही ईरान बौखलाया हुआ है. ईरान के सर्वोच्च नेता खामेनेई ने हिजबुल्लाह प्रमुख की मौत का बदला लेने की बात कही है. इसके अलावा इराक, हमास और यमन के हौथी विद्रोही समूह ने भी हिजबुल्लाह के समर्थन में बयान दिया है.
ईरान के संयुक्त राष्ट्र राजदूत आमिर सईद इरावानी गुस्से में थे
ईरान ने शनिवार को लेबनान और पूरे क्षेत्र में इज़रायल की कार्रवाइयों को लेकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक बुलाई. ईरान के संयुक्त राष्ट्र राजदूत अमीर सईद इरावानी ने इजराइल द्वारा हिजबुल्लाह नेता सैयद हसन नसरल्लाह की हत्या पर गुस्सा व्यक्त करते हुए लिखा, 'इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईरान अपने राजनयिक परिसरों और प्रतिनिधियों पर किसी भी हमले के खिलाफ दृढ़ता से चेतावनी देता है जो राजनयिक और कांसुलर परिसरों की अखंडता के मूल सिद्धांत का उल्लंघन करता है.
नसरल्ला ने इजराइल के खिलाफ हिजबुल्लाह के युद्ध का नेतृत्व किया
नसरल्ला ने 2006 में इजराइल के खिलाफ हिजबुल्लाह के युद्ध का नेतृत्व किया था. उनके नेतृत्व में पड़ोसी देश सीरिया में क्रूर संघर्ष में शामिल था. बेरूत के दक्षिणी उपनगर हेरात हारेक पर एक इजरायली हवाई हमले में समूह के नेता की मौत हो गई और कई ऊंची इमारतें नष्ट हो गईं जहां वह रहता था.
नसरल्लाह कौन था?
1992 में इजरायली मिसाइल हमले में अपने पूर्ववर्ती के मारे जाने के बाद नसरल्ला ने हिजबुल्लाह की कमान संभाली और तीन दशकों तक संगठन का नेतृत्व किया. नेतृत्व संभालने के पांच साल बाद अमेरिका ने हिजबुल्लाह को आतंकवादी संगठन घोषित कर दिया. नसरल्लाह को उनके समर्थक एक करिश्माई और कुशल रणनीतिकार मानते थे. उन्होंने हिजबुल्लाह को इजरायल के कट्टर दुश्मन में बदल दिया और ईरान के शीर्ष धार्मिक नेताओं और हमास जैसे फिलिस्तीनी आतंकवादी समूहों के साथ संबंध मजबूत किए.
नसरल्लाह के नेतृत्व में, हिजबुल्लाह ने 2006 में इज़राइल के साथ 34 दिनों तक युद्ध लड़ा. उन्हें उस युद्ध का नेतृत्व करने का श्रेय दिया जाता है जिसके परिणामस्वरूप 18 साल के कब्जे के बाद 2000 में दक्षिणी लेबनान से इजरायली सैनिकों की वापसी हुई थी. नसरल्लाह का सबसे बड़ा बेटा हादी 1997 में इजरायली सेना से लड़ते हुए मारा गया था. जब 2011 में सीरिया में लड़ाई छिड़ गई, तो नसरल्लाह ने सीरियाई राष्ट्रपति बशर असद की सेना का पक्ष लिया था.