Jul 14, 2017
बिलासपुर : पेंड्रा के अड़भार गांव में एक ही परिसर में स्थित दो स्कूलों के बच्चे जान जोखिम में डालकर और सुविधाओं से वंचित होकर पढ़ाई करने को मजबूर हैं। यहां प्राथमिक और पूर्व माध्यमिक शाला एक ही परिसर में स्थित और संचालित हैं। जहां एक ओर स्कूल के पुराने छप्पर वाले भवन की हालत काफी जर्जर हैं, तो वहीं इसके मरम्मत पर एक लाख रुपए खर्च करने के बावजूद इसकी हालत जस की तस हैं और भवन जर्जर हैं। तो वहीं दूसरी ओर बनाये गये अतिरिक्त कक्षों के निर्माण में घोटाले के चलते यहां बरसात में पानी टपकता हैं। जबकि एक कक्ष को तो इसी साल बनवाया गया।
अड़भार की इस स्कूल के बच्चे रोजाना पढ़ने तो आते हैं, पर जब पानी बरसने लगता हैं तो मजबूरी में एक कमरे में दो कक्षाएं लगाकर बच्चों की पढ़ाई करायी जाती हैं। जबकि कमरे कम होने के कारण उसी छप्पर वाले भवन में कक्षाएं लगायी जा रही हैं। जिनकी दीवारों में दरारें आ चुकी और छानी पर लगी लकड़ियां भी सड़ चुकी हैं और जगह-जगह से पानी भी रिसता हैं। पिछले साल इसकी मरम्मत के नाम पर एक लाख रूपये खर्च तो किये गये पर इसके बाद भी इसकी जर्जर हालत में सुधार नहीं आया। कुछ हिस्से में शेड लगाकर खानापूर्ति की गयी। नये भवन में पानी के रिसाव की बार-बार शिकायत होने के बाद भी अधिकारी नजरअंदाज कर रहे हैं। जबकि स्थानीय शिक्षा विभाग के अधिकारी खुद भी मानते हैं कि पुराना भवन जर्जर और नया भवन खराब हैं, पर वे भी कार्यवाही करने की बजाय सरकारी आश्वासन का रटा रटाया जवाब देते नजर आ रहे हैं। स्कूल प्रबंधन बच्चों की छुटटी भी नहीं कर पाता जबकि मौजूदा हालातों से ही किसी तरह निपटते हुये जोखिम में ही सही बच्चों को पढ़ाने का काम तो कर रहा हैं। पर किसी भी वक्त हादसे की आशंका बनी होने के चलते हर कोई भयभीत भी रहता हैं।








