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कवर्धा में प्रशासन की बड़ी लापरवाही उजागर, 2 हजार खाने के पैकेटों को कचरे के ढेर में फैंका

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Apr 29, 2020

प्रदीप गुप्ता : लॉकडाउन के चलते पूरे देशभर में गरीब और मजदूर वर्ग के लोग भूख से तड़प रहे हैं उनके खाने के लाले पड़े हैं, जिससे वो पलायन करने को मजबूर हैं। इसके बावजूद कवर्धा में प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आई है। यहां 2 हजार खाने के पैकेट को कचरे के ढेर में फैंक दिया गया है। बता दें कि, राजस्थान के कोटा से छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले के बोड़ला में लौटे छात्रों के लिए 2 हजार खाने के पैकेट बनवाए गए थे। इन खाने के पैकेट को ना तो छात्रों को और न ही किसी जरूरतमंद को दिया गया, बल्कि उसे खुले में कचरे के ढेर में फेंक दिया गया। 

2 हजार से ज्यादा खाने के पैकेट बनवाये
दरअसल कोटा से आने वाले विद्यार्थियों के लिए समय से पहले ही 2 हजार से ज्यादा खाने का पैकेट बनवा लिया गया था। पहले 27 अप्रैल तक छात्रों के आने की जानकारी मिली, लेकिन सभी छात्र 28 अप्रैल की सुबह यहां पहुंचे। जिस वजह से प्लास्टिक बंद खाना खराब हो गया और इसे बोड़ला के बाहर खुले में फेंक दिया गया।

खाने की बर्बादी
यदि समय रहते इसको गरीबों में बांट दिया जाता है, तो इतने खाने की बर्बादी नहीं होती या फिर यह खाना खाने लायक नहीं था, तो जानवरों को दिया जा सकता था लेकिन खाने को खुले में फेंक दिया गया। लॉकडाउन में खाने के फेंकने को लेकर प्रशासन की किरकिरी भी हो रही है। जबकि अधिकारी एक दूसरे पर पल्ला झाड़ते हुए जवाब देने से बचते नजर आ रहे हैं।

जिम्मेदारियों से बचते नजर आए अधिकारी
इस संबंध में जब कवर्धा जिला पंचायत सीईओ विजय दयाराम से बातचीत करते हुए जानकारी मांगी गई, तो उन्होंने पल्ला झाड़ते हुए कलेक्टर से बातचीत करने को कहा। उसके बाद जब स्वराज एक्सप्रेस की टीम ने कलेक्टर अवनीश शरण से बात की, तो उन्होंने कहा कि इस बारे में एसडीएम से जानकारी ली जाएगी। इस तरह से एक के बाद एक सभी अधिकारियों ने अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया।