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नवजात की मौत पर अब तक नहीं हुई कार्रवाई, महिलाओं ने किया प्रदर्शन

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Mar 28, 2018

कोरिया। जिला अस्पताल में प्रसव के दौरान बच्चे के गिर जाने से हुई मौत के मामले में कार्रवाई नहीं होने से नाराज सैकड़ों महिलाओं ने जिला अस्पताल को घेरकर जमकर प्रदर्शन किया। इस दौरान जिला अस्पताल में भ्रष्टाचार व मनमानी सहित महिलाओं के साथ होने वाले अत्याचार, ईलाज में लापरवाही को लेकर महिलाओं ने सड़क पर उतरकर जिला प्रशासन का ध्यानाकर्षण कराया। 

क्या है पूरा मामला...

दरअसल सरभोका में रहने वाले आनंद सिंह ने अपनी पत्नी को प्रसव के लिये 4 जनवरी को जिला अस्पताल में भर्ती कराया था। इस दौरान प्रसव पीड़ा से उनकी पत्नी परेशान थी, उन्होंने महतारी एक्सप्रेस के लिए काफी प्रयास किया, लेकिन जब महतारी एक्सप्रेस नहीं मिली तो वे एक निजी वाहन से अपनी पत्नी को लेकर जिला अस्पताल पहुंचे थे। जिला अस्पताल में उनकी पत्नी को अटेंड करने वाली उनकी चाची को ड्यूटी पर मौजूद नर्स ने पहले तो प्रसव कक्ष की साफ सफाई करने के लिये कहा। उनके द्वारा मना करने पर नर्स ने यहां तक कह दिया था कि अगर प्रसव कक्ष की सफाई नहीं करोगे तो हम प्रसव नहीं कराएंगे। 

लापरवाही से नवजात गिरा था डस्टबीन में...

ड्यूटी नर्स के द्वारा इस तरह की बात से हैरान महिला की चाची ने अपनी बहू की जान आफत में पड़ी देखकर प्रसव कक्ष की साफ-सफाई की। इसके कुछ देर बाद जब महिला को प्रसव पीड़ा होने लगी तो वहां कक्ष में मौजूद नर्स ने कोई ध्यान नहीं दिया। जिसकी वजह से दर्द से कराहती महिला ने एक स्वस्थ्य बच्चे को जन्म दिया, लेकिन लापरवाही के चलते नवजात सीधे डस्टबीन में जा गिरा। डस्टबीन में गिरने से नवजात को काफी चोटें आईं, और उसकी हालत गंभीर हो गई।

प्रबंधन के खिलाफ की नारेबाजी...

कुछ ही देर के बाद जो मां बच्चे की किलकारी सुनने की प्रतीक्षा कर रही थी, उसे यह बताया गया कि बच्चा बीमार है, और उसे गहन चिकित्सा कक्ष में रखा गया है। जबकि जन्म से कुछ ही देर के बाद नवजात ने दम तोड़ दिया। इस मामले में प्रसूता के पति आनंद सिंह ने बताया कि उसके पहले दो बच्चे घर में हुए थे लेकिन उनकी मौत हो गई थी। तब पूरे परिवार की रजामंदी के बाद तीसरे बच्चे का प्रसव कराने के लिये मैंने अपनी पत्नी को जिला अस्पताल में भर्ती कराया था,लेकिन नर्सों की लापरवाही के चलते हमारे घर में फिर सन्नाटा पसर गया। इस मामले को लेकर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एस.एस. पैकरा को भी शिकायत की गई थी। लेकिन कोई कार्यवाही न होने के कारण बुधवार को महिलाओं ने जिला अस्पताल का घेराव कर अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।