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कोरिया के सरकारी स्कूल के बच्चे फर्राटेदार अंग्रेजी में करते हैं बात, प्राइवेट स्कूलों के बच्चों को भी पीछे छोड़ा...

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Mar 2, 2020

दिनेश कुमार द्विवेदी : इच्छा शक्ति के आगे हर मुश्किल काम आसान हो जाता है। इस कहावत को कोरिया शंकरगढ़ गांव के प्राथमिक स्कूल के शिक्षकों और छात्रों ने साबित कर दिया है। इस स्कूल में पढ़ने वाले गांव के बच्चे किसी महंगे प्राइवेट स्कूल के बच्चों की तरह इंग्लिश बोलते हैं। गांव के इन बच्चो के लिए अंग्रेजी सबसे आसान भाषा बन गई है। 

बच्चों ने अपनी शिक्षिका को दिया श्रेय
दरअसल मनेन्द्रगढ़ ब्लॉक के ग्रामीण क्षेत्र के शंकरगढ़ गांव के प्राथमिक स्कूल में पढ़ने वाले छात्र और छात्रायें फर्राटे दार अंग्रेजी बोलते है इस स्कूल में लगभग 70 छात्र-छात्राएं पढ़ रहे है। ये प्रयोग स्कूल के शिक्षकों के द्वारा किया गया है और जब बच्चों को फर्राटेदार इंग्लिश बोलते सुना तो बच्चों से जानकारी ली गई। उन्होंने बताया आज हम इतनी अच्छी इंग्लिश बोल रहे हैं उसका सारा श्रेय हमारी मैडम को जाता है। इसके साथ ही बच्चे ने बताया कि उनकी इंग्लिश सुनकर उनके माता-पिता के साथ-साथ आसपास रहने वाले लोग भी आश्चर्यचकित हो जाते हैं और कहते हैं कि काश हमारे बच्चे भी ऐसे इंग्लिश बोल पाते। वहीं इस संबंध में जब हमने प्राथमिक शाला शंकरगढ़ की शिक्षिका से बात की तो उन्होंने बताया कि सबसे पहले वो हिंदी को प्राथमिकता देती है क्योंकि कोई भी सब्जेक्ट सीखने में हिंदी का ज्ञान बहुत जरूरी है।

आम बातचीत के दौरान अंग्रजी भाषा का इस्तेमाल करते हैं बच्चे
मैडम ने बताया कि उन्होंने पहले बच्चों को छोटे-छोटे वर्ब याद कराएं फिर छोटे-छोटे सेंटेंस याद कराएं। बच्चे जब इसमें रुचि दिखाने लगे तब मैडम ने इंग्लिश में पढ़ाई करवाना शुरू कर दिया और धीरे धीरे बच्चे फर्राटेदार इंग्लिश बोलने लगे। देखते ही देखते ये शब्द बच्चों की जुबान पर ऐसे बस गए की अब स्कूली छात्र-छात्रायें आम बातचीत के दौरान अंग्रेजी शब्दों का इस्तेमाल और बोल रहे है। आश्चर्यचकित करने वाली बात तो यह है कि बच्चों को स्कूल की छुट्टी होने के बाद इंग्लिश बोलने का कोई मौहाल नही मिलता। साथ ही ग्रामीण बच्चे शिक्षित हो उसमें रुचि दिखाते है और बच्चे स्कूल जो जाए इसमें ध्यान देते है।

फर्राटेदार अंग्रेजी बोल रहे हैं बच्चे
जिला मुख्यालय से लगभग 50 किलोमीटर दूर इस गांव के बच्चे सुविधा के अभाव के बावजूद इंग्लिश बोल रहे हैं। इन गांवो के लोगों को हिंदी भी ठीक से बोलना नहीं आती और इनके बच्चे गांव के ही प्राथमिक स्कूल में पढ़ रहे है और इस स्कूल में पदस्थ शिक्षक के अथक प्रयास से बच्चे आज फर्राटेदार अंग्रेजी बोल रहे है। वहीं इस स्कूल में कक्षा पहली से लेकर पांचवी तक की कक्षाएं लगती है और इस स्कूल में हिंदी माध्यम से बच्चों को पढ़ाया जाता है।

बच्चे आसानी से सीख रहे हैं अंग्रेजी
ब्लॉक के पिछड़े इलाके शंकरगढ़ गांव के स्कूली बच्चे पहले कभी ठीक से हिंदी नहीं बोल पाते थे, लेकिन शिक्षकों के इस प्रयोग से अब बच्चे अंग्रेजी बोल पा रहे हैं। इस स्कूल में लगभग 70 बच्चे पढ़ाई करने आते हैं। वहीं कक्षा पहली और दूसरी में पढ़ने वाले बच्चे भी आसानी से अंग्रेजी सीख पा रहे है।