Jul 18, 2022
बस्तर के पंचायतों तक सीधी प्रशासनिक पहुंच के लिए बस्तर कलेक्टर चंदन कुमार ने नई पहल शुरू की है। पंचायत अधिनियम के तहत अनिवार्य किए गए ग्राम सचिवालय अनिवार्य तौर पर शुरू किए जाएंगे। इससे गांव में हर बुनियादी सुविधाएं लोगों को पंचायत स्तर पर ही उपलब्ध हो सकेंगी और उन्हें जनपद से लेकर जिला तक दौड़ लगाने की आवश्यकता नहीं होगी। प्रशासनिक कार्य में पारदर्शी रुख अपनाने के लिए नोडल अधिकारियों की भी नियुक्ति की गई है जो पंचायतों के कामकाज पर निगरानी रखेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि सचिवालय नियमित तौर पर खोले जाएं। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ शासन द्वारा जनवरी 2004 से प्रत्येक ग्राम पंचायत में ग्रामीण सचिवालय की स्थापना की गई है बावजूद इसके इसका संचालन नहीं होता कई पंचायतों में पंचायत भवन भी खाली पड़े रहते हैं और पंचायत प्रतिनिधि घर से ही सभी काम निपटाने के आदी हैं बस्तर कलेक्टर चंदन कुमार ने इस मामले में पहल करते हुए बस्तर जिले की 433 ग्रामीण सचिवालय को सोमवार से शुरू करने के निर्देश दिए हैं। बस्तर ऐसा करने वाला छत्तीसगढ़ में पहला जिला होगा। लंबे समय से आदिवासी सहित पंचायत प्रतिनिधि पेशा कानून के तहत पंचायतों के अधिकार की बात करते रहे हैं लेकिन पंचायतें सचिवालय से संचालित होती ही नहीं है ऐसे में यह पहल बस्तर के लिए काफी उपयोगी साबित होगी।








