Sep 5, 2022
कांग्रेस के पूर्व महासचिव राहुल गांधी ने एक बार फिर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। दिल्ली के रामलीला मैदान में कांग्रेस की महंगाई के खिलाफ हल्ला बोल रैली को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि केंद्र सरकार जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है।
साथ ही उन्होंने कहा कि उनकी मां सोनिया गांधी से ईडी ने पूछताछ की। उन्होंने मेरे खिलाफ 55 घंटे पूछताछ की, लेकिन 55 घंटे तो क्या 5 साल तक भी पूछताछ करेंगे तो भी मैं नहीं डरूंगा।' राहुल गांधी के साथ राज्यसभा में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी महंगाई के लेकर केद्र सरकार पर निशाना साधा।. वहीं लोकसभा में विपक्ष नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि कांग्रेस में आना और जाना मुश्किल है, लेकिन यहां टिक पाना बहुत कठिन है।
रैली के दौरान नहीं हुआ गुलाम का जिक्र
कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी ने गुलाम नबी आजाद के पार्टी छोड़ने को लेकर कहा कि 'कांग्रेस एक दरिया है, इसमें कोई भी आ सकता और जा सकता है।' पर आजाद के पार्टी छोड़ने का जम्मू-कश्मीर के नए प्रदेश अध्यक्ष विकार रसूल वाणी को फायदा मिला। बता दें कि रैली में गुलाम नबी आजाद के पार्टी छोड़ने का कोई जिक्र तक नहीं हुआ।
यह कयास लगाए जा रहे थे कि विकार रसूल वाणी अपने भाषण के दौरान गुलाम नबी आजाद के पार्टी छोड़ने को लेकर टिप्पणी कर सकते हैं, पर उन्होंने इसका जिक्र तक नहीं किया। महंगाई के खिलाफ हल्ला बोल रैली में राहुल गांधी की मौजूदगी में सिर्फ तीन प्रदेश अध्यक्षों को बोलने का मौका मिला, इनमें कमलनाथ और प्रतिभा सिंह के साथ विकार रसूल वाणी शामिल हैं।
सदन चर्चा से भागती है कांग्रेस
वहीं राहुल गांधी के आरोपों पर पलटवार करते हुए बीजेपी राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि सरकार और बीजेपी हमेशा सदन में चर्चा के लिए तैयार रहती है। सच तो यह है कि कांग्रेस हमेशा चर्चा से भागती रहती है।
राज बब्बर ने की जनधन योजना की तारीफ
कांग्रेस भली ही पार्टी के सभी सदस्यों को एक जुट करने का प्रयास कर रही है, लेकिन पार्टी में कलह थमने का नाम नहीं ले रहा है। कांग्रेस जहां महंगाइ के खिलाफ केंद्र सरकार को घेरने में जुटी है। वहीं पार्टी के वरिष्ठ नेता राज बब्बर ने केंद्र की प्रधानमंत्री जनधन योजना की तारीफ की है। राज बब्बर का नाम उस लिस्ट में शामिल है, जिसमे सभी पार्टी से असंतुष्ट हैं। राज बब्बर ने ट्वीट कर कहा कि 'प्रधानमंत्री जनधन योजना को आठ साल पूरे हो गए। लोगों तक पैसा और मदद सीधे बिना किसी दल के पहुंचे। यह एक क्रांति है। इसमें आधी से ज्यादा खाता धारक महिलाएं हैं। ऐसी योजना ‘आपका पैसा आपके हाथ’ के नाम पर मनमोहन सिंह सरकार में भी शुरु हुई थी। मौजूदा सरकार ने इस बेहतर तरीके से लागू किया है।'