May 14, 2019
दुलेन्द्र कुमार पटेल- प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना को यूं तो कहने को प्रत्येक गांव में लागू किया जा रहा है। लक्ष्य भी ही है कि प्रत्येक गांव को सड़क के माध्यम से जोड़ा जाये, मगर इसके निर्माण में हो रही कुव्यवस्था से सड़क का स्तर बहुत ही घटिया हो गया है। केलो कोयलांचल आदिवासी बाहुल्य तहसील तमनार में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अतर्गत बन रही सड़क। तमनार गोहडीडीपा से लेकर केशरचुआं तक बन रहे प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की ये सड़क द्वितीय चरण की कुछ दिनों पूर्व ही, सड़क की डामरीकरण हुई है। सड़क कितनी मजबूत बन रही है, इसकी पोल खुलने लगी है।
गुणवत्ता विहीन सड़क हाथों के स्पर्श से ही उखाड़ जाती है
वहीं महलोई गांव के ग्रामीण दावा करते हैं कि आप किसी भी जगह को चिन्हित करें, हम उस जगह को हाथ से उखाड़ कर दिखा देंगे। जब स्वराज टीम कल महलोई ग्राम पहुंची तो वहां के उप सरपंच राम पटनायक व अन्य ग्रामीणों ने हाथ से ही सड़क की परत को उखाड़ दिया। जिसको देखकर हम अचंभित रह गए। वहीं साथ ही ग्रामीणों ने बताया कि इसके पूर्व जो सड़क बनी थी, उसको यदि हम गैती या फावड़ा से खोदे फिर भी वह नहीं उखडती थी, लेकिन अभी इतनी गुणवत्ता विहीन सड़क का निर्माण हो रहा है जिसे हम हाथ से उखाड़ देते हैं। हालत ये है कि सड़क जगह-जगह से स्वयं ही टूट रही है।
ग्रामीणों ने यह भी कहा कि सड़क निर्माण में उपयोग किया गया मुरुम भी अवैध तरीके से खनन किया गया है और ना ही रायल्टी दी गई है। इस संबंध में आला अधिकारियों से शिकायत भी की गई, परंतु किसी अधिकारी को इसकी सुध लेने की फुर्सत नहीं। पंचायत पदाधिकारियों द्वारा भी हस्तक्षेप करने के बावजूद ऊपर पहुंच वाले ठेकेदार के आगे शासन प्रशासन भी नतमस्तक है।