May 15, 2019
हेमन्त शर्मा- छत्तीसगढ़ के नक्सल मोर्चे पर तैनात सीआरपीएफ जवानों की वीडियो गेम पब्जी ने नींद उड़ा दी है। हाल यह है कि जवानों का आपस में संवाद बंद हो गया है। इसके कारण सीआरपीएफ में जवानों को सोशल गेमिंग साइट पब्जी को अपने फोन से हटाने का फरमान जारी हुआ है। सीआरपीएफ की बिहार रेंज में सभी डीआईजी को पत्र लिखकर जवानों के मोबाइल से पब्जी को बंद कराने का फरमान जारी किया है। अब इसे छत्तीसगढ़ में भी लागू करने की तैयारी चल रही है। पुलिस के आला अधिकारी ने बताया है कि केंद्रीय स्तर पर अब ऐसा कोई निर्देश नहीं मिला है, लेकिन बिहार रेंज में इस तरह का प्रयोग किया गया है। छत्तीसगढ़ में भी विचार किया जा सकता है। सीआरपीएफ के आला अधिकारियों ने पाया कि पब्जी के कारण जवानों में आपस में संवाद बंद हो गया है। उनकी नींद पर असर पड़ रहा है। जिसके कारण नक्सल विरोधी ऑपरेशन में दिक्कत आ रही है।
पब्जी को सभी जवानों के मोबाइल से डिलीट करने के निर्देश पर विचार
छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित इलाकों में सीआरपीएफ के जवान सर्चिंग के दौरान 3 से 5 दिन तक जंगलों में रहते हैं। इस दौरान सोशल मीडिया पर भी सक्रिय नहीं रह पाते हैं, जब वह कैंप में लौटते हैं तो पब्जी गेम जैसे गेम खेल कर अपना समय बिताने लगते हैं। इसके कारण बिहार रेंज में सभी डीआईजी को निर्देश दिया गया है कि पब्जी को सभी जवानों के मोबाइल से डिलीट कराया जाए। बिहार में सीआरपीएफ ने 5 दिन पहले ही पब्जी को बैन किया था। बता दें कि छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बस्तर में सीआरपीएफ के 40000 से ज्यादा जवान तैनात हैं। सुकमा बीजापुर दंतेवाड़ा के अंदरूनी इलाकों में सीआरपीएफ छत्तीसगढ़ पुलिस और एसटीएफ के साथ मिलकर सर्चिंग ऑपरेशन कर रही है। गर्मी में नक्सलियों को टीसीओसी के दौरान जवान और मुस्तैदी के साथ ऑपरेशन कर रहे हैं। हाल ही में ऑपरेशन प्रहार में जवानों को बड़ी सफलता मिली है।