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धान की खेती से किसान अपने घर का खपरैल तक नहीं बदल सकते: रमन सिंह

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Aug 29, 2016

रायपुर। एक ओर जहां सरकारें खेती को लाभ का धंधा बनाने पर जोर दे रही हैं, वहीं किसानों की बदहाली का जिक्र करते हुए आज मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह को यहां तक कहा पड़ा कि केवल धान की खेती से किसान अपने घर का खपरैल तक नहीं बदल सकते हैं। उन्होने अधिक मात्रा में कैमिकल खाद का उपयोग करने को हतोत्साहित किया और कहा कि एक मात्रा तक ही खेती—किसानी में खाद का उपयोग किया जाना चाहिए। 

मुख्यमंत्री डॉ. सिंह ने आज यहां इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित 'उत्कृष्ट कृषक और कृषि अधिकारी सम्मान समारोह' में 200 उन्नत कृषकों को सम्मानित किया। इस दौरान कृषि को बढ़ावा देने वाले अधिकारी भी सम्मानित किये गए। 

डॉ. रमन सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों को अब फसल की गारंटी दे रही। नुकसान पर वाजिब मुआवजा किसानों को मिलता है। किसानों के लिए कई हितकारी योजना लागू की है। किसानों को बिजली सब्सिडी दी जाती है। 

डॉ. सिंह ने कहा कि आज खेती में फर्टिलाइजर का इस्तेमाल इतना होने लगा है कि आधा तो हम जहर खाते हैं। उन्होंने जैविक खेती को प्रोत्साहित करने के लिहाज से कहा कि जैविक खेती बेहतर है। दूषित और कैमिकल वाला खाना खाने का दुष्परिणाम नई पीढ़ी भोग रही है। उन्होंने किसानों को सुझाव देते हुए कहा कि एक मात्रा तक ही खाद का प्रयोग करना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में फल-सब्जी इतना उपजा रहे हैं कि इसे अन्य राज्यों में  कर रहे हैं। यहां का चावल बाइस राज्यों में जाता हैं। उन्होने कहा कि युवाओं का रूझान इंजीनियरिंग छोड़कर अब कृषि कॉलेजों की तरफ ज्यादा है। युवाओं को कृषि में भविष्य नजर आ रहा है।