Jul 22, 2022
एक ओर छत्तीसगढ़ सरकार जहां कृषि और सिचाई को लेकर नए आयाम गढ़ रहे है वही जल संसाधन संभाग कसडोल के सिचाई परियोजना बालमदेही डायवर्सन बनने के पहले ही टूट गयी । दर्जन भर गांव के हजारों हेक्टेयर किसान सिचाई से वंचित हो रहे है । जिन्हें अब तक न जमीन का मुआवजा मिला और न ही पानी । अधिकारियों की लापरवाही का खामियाजा किसान को भुगतना पड़ रहा है ।आपको बतादे कि जल संसाधन संभाग कसडोल के अंतर्गत आने वाले बालमदेही डायवर्सन निर्माण की स्वीकृति 2006 में मिली। जिसमे हेडवर्क निर्माण के लिए पहली निविदा 8.2.2006 को 5 करोड़ 70 लाख 85 हजार की लगी । जिसे मित्तल कंस्ट्रक्शन के द्वारा निर्माण कार्य गया । जिसके बाद नहर नाली के लिए पुनः 14.5. 2013 में निविदा 13 करोड़ 26 लाख 67 हजार के लिए बुलाया गया । लेखराम साहू कंस्ट्रक्शन निर्माण एजेंसी ने बीच मे काम छोड़कर रफूचक्कर हो गए और नहर का काम ठप्प पड़ गया । ततपश्चात गणपति कंस्ट्रक्शन ने निर्माण कार्य को शुरू किया लेकिन उनके द्वारा किसानों के खेतों को खोदकर छोड़ दिया । अब तक 60 फीसदी काम ही हो पाया है । जिसके बाद निर्माण कार्य बंद पड़ा है ।-इसमे क्षेत्र के दर्जन भर गांव के हजारों एकड़ खेतो की सिचाई होनी थी । लेकिन जल संसाधन के निष्क्रियता के चलते किसानों को अभी तक पानी नही मिल पाया । सभी आसमान के ऊपर ही निर्भर रहते है । चुकी ये पूरा क्षेत्र पहाड़ी क्षेत्र है जिसके कारण फसल भी नही हो पाती है । नहर आने की सूचना पाकर किसानों ने सहमति देकर निर्माण कार्य मे सहयोग किया लेकिन उनके किस्मत पर पानी फिर गया । दूसरी तरफ नहर नाली का निर्माण ही नही हो पाया और हेडवर्क क्षतिग्रस्त हो गया । डायवर्सन के दोनों गेट टूटकर बह गया । चैनल गेट खराब हो गयी । आउट फाल भी टूट गया । लेकिन इसके लिए जिम्मेदार जल संसाधन के अधिकारियों का रवय्या बहुत ही खेदजनक है । अभी तक न तो गेट की मरम्मत कराये और नही किसानों के लिए नहर बनवाये । जबकि निर्माण कार्य मे अभी तक 8करोड़ 97 लाख रुपये का भुगतान किया जा चुका है । सिंचित क्षेत्र के 4 गांव के किसानों को अब तक मुआवजा नही मिल पाया है । किसान सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट काट कर थक गए है । इसमें मुख्य रूप से ठाकुरदिया, परसदा, नदनियां, बोरसी और बगाड़ के किसान आते है ।








