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Cancer: कैंसर से जूझ रही एक्ट्रेस हिना खान ने किया कीमोथेरेपी का दर्द साझा

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Sep 14, 2024

 

कैंसर ऐसी बीमारी है जिसनें इंसानों को शायद सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया है. जो मरीज को अंदर से झकझोर के रख देती है. जब कोई व्यक्ति इस बीमारी का शिकार होता है. तो वह ना सिर्फ घातक बीमारी से लड़ते हैं बल्कि कैंसर के इलाज के दौरान होनी वाली कीमोथेरेपी  के Side Effects से भी जूझते हैं.

हाल ही में मशहूर टीवी एक्ट्रेस Hina Khan ने Instagram Account  से अपने फैंस को ब्रेस्ट कैंसर होने की जानकारी शेयर की थी. हिना लगातार अपने हेल्थ अपडेट्स अपने फैंस के साथ साझा कर रही हैं. हाल ही में हिना ने बताया की वह पहले ब्रेस्ट कैंसर से जंग लड रही थी और अब म्यूकोसाइटिस की शिकार हो गई है. यह कीमोथेरेपी के दौरान होने वाला एक साइड इफेक्ट है, जिसमें मरीज का खाना-पीना मुश्किल हो जाता है. फिलहाल, हिना खान अपने इलाज के लिए अमेरिका जा चुकी हैं। उन्होंने अब तक 3 कीमोथेरेपी ले ली है.

कीमोथेरेपी क्या है जानिए

कैंसर के इलाज के दौरान chemotherapy  करवाना आम बात है कीमोथेरेपी  कर कैंसर सेल्स को दवाईयों के इस्तमाल से नष्ट कर धीमा किया जाता है. ये शक्तिशाली दवाएं कैंसर सेल्स को मारने में प्रभावी होती हैं. हालांकि ये दवाईया इस प्रक्रिया में स्वस्थ सेल्स को भी नुकसान पहुंचा सकती  है.

क्या है म्यूकोसाइटिस?

Mucositis कीमो के दौरान होने वाली बीमारी है. इसमें मुंह और आंतों में सूजन , दर्द की समस्या होती है. यह बीमारी कीमो लेने के लगभग 7-8 दिन बाद शुरू होती है. इसके लक्षण में गले में दर्द महसूस होना शामिल है. हालांकि यह बीमारी 10-15 दिन में ठीक हो जाती है, लेकिन मरीज के लिए इस समस्या को झेलना मुश्किल होता है.

  कीमोथेरेपी के साइड इफेक्ट्स

कीमोथेरेपी और रेडिएशन कैंसर सेल्स को खत्म करने में मदद करते हैं. यह ऐसी प्रक्रिया होती है, जो हेल्दी सेल्स को भी नुकसान पहुंचाने के साथ शरीर में साइड इफेक्ट्स को भी जन्म देती है जैसे थकान होना, बालों का झड़ना स्किन पर खुजली, जलन और ड्राइनेस होना इस ट्रीटमेंट से स्किन का रंग भी बदल जाता है. कीमोथेरेपी और दवाओं से भूख धीरे धीरे खत्म होने लगती है या स्वाद में बदलाव आने लगता है.

म्यूकोसाइटिस का इलाज क्या है?

 आमतौर पर कैंसर का ट्रीटमेंट कोर्स पूरा होने के लगभग एक से 6 हफ्ते के बाद म्यूकोसाइटिस ठीक हो जाता है. कीमो थेरेपी के बाद ड्राई माउथ होना आम बात है. इससे बचने के लिए मरीज को स्प्रे दिया जाता है. साथ ही सॉफ्ट टूथब्रश, एंटीसेप्टिक माउथवॉश का इस्तेमाल करने को कहा जाता है. मुंह के छालों के लिए के ठंडी चीज़ें खाने-पीने को भी कहा जाता है. जैसे आइसक्रीम, योगर्ट, पॉपसिकल्स और स्मूदीज़. 

 

 

 

 

 

 

 

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Author
Swaraj