Dec 12, 2022
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने अशोकनगर से बीजेपी विधायक जजपाल सिंह जज्जी का जाति प्रमाण पत्र रद्द कर दिया है। फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनाने के आरोप में जज्जी के खिलाफ अशोकनगर के पुलिस अधीक्षक को मामला दर्ज करने का आदेश दिया गया है। साथ ही उनकी विधानसभा से सदस्यता रद्द करने का आदेश दिया है। साथ ही 50 हजार का मुआवजा भी लगाया है। जज्जी ने कीर जाति के लिए जाति प्रमाण पत्र बनवाकर अनुसूचित जाति आरक्षण का लाभ उठाया। यह जाति पंजाब में आरक्षित है, मध्य प्रदेश में नहीं।
2018 के विधानसभा चुनाव में जजपाल सिंह जज्जी ने कांग्रेस के टिकट पर अशोकनगर विधानसभा सीट से चुनाव जीता था। जिसमे बीजेपी के लड्डू राम कोरी चुनाव हार गए थे। चुनाव हारने के बाद लड्डू राम कोरी ने जाति प्रमाण पत्र के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। चुनाव याचिका भी दायर की थी। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता संगम जैन ने आवेदन के साथ जजपाल सिंह के सभी जाति प्रमाण पत्र प्रस्तुत किए। हाईकोर्ट ने सबसे पहले जाति प्रमाण पत्र को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई की। मालूम हो कि जजपाल सिंह जज्जी ने 2018 के चुनाव से इस्तीफा देकर 2020 में भाजपा के टिकट पर उपचुनाव लड़ा और दोबारा विधायक चुने गए। वह अब बीजेपी के विधायक हैं।
याचिकाकर्ता की ओर से दलील दी गई कि जज्जी ने पंजाब में कीर जाति का जाति प्रमाण पत्र पेश किया। कीर जाति को पंजाब में अनुसूचित जाति का आरक्षण मिलेगा, मध्य प्रदेश में नहीं। हाई पावर कास्ट स्क्रूटनी कमेटी ने पहले जाति प्रमाण पत्र निरस्त किया था, दूसरी बार प्रमाण पत्र दिया गया। कमेटी ने दबाव में काम किया है। मध्य प्रदेश में जज्जी ने झूठा सर्टिफिकेट बनवाकर चुनाव लड़ा है। जज्जी की ओर से तर्क दिया गया कि उनके परदादा 50 साल पहले मध्य प्रदेश आए थे।