Jul 23, 2018
विनोद शर्मा : ग्वालियर के महाराणा प्रताप नगर के लोगों ने नगर निगम की कार्रवाई के खिलाफ धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है।नगर निगम ने शनिवार को कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए जेसीबी मशीनों के जरिया महाराणा प्रताप नगर में 16 मकानों को जमींदोज करने की कार्रवाई शुरू की थी। इस कार्रवाई में आधा दर्जन मकानों को तोड़ दिया गया। इसके खिलाफ स्थानीय लोगों ने सिटी सेंटर के मुख्य मार्ग पर अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन सोमवार को शुरू कर दिया।
लोगों का आरोप है। कि रक्षा अनुसंधान एवं विकास स्थापना के आसपास 200 मीटर की परिधि में निर्माण की बात करने वाले नगर निगम को उस समय नियम क्यों नहीं याद आए थे। जब उन्होंने 30 साल पहले मकान का निर्माण किया था। उनका क्षेत्र ग्राम नगर निवेश से पास है और वह बकायदा हाउस टैक्स वगैरह दे रहे हैं। बावजूद इसके कोर्ट के आदेश का हवाला देकर नगर निगम उनके बेशकीमती मकानों को हटाने की कार्रवाई कर रहा है जबकि उनके पास पक्की रजिस्ट्री है। वही नगर निगम के मेयर विवेक शेजवलकर का कहना है कि निगम के द्वारा जो कार्रवाई की जा रही है। वह नियमों के तहत है। क्योंकि यह मामला कोर्ट में भी चल रहा है। जिस पर कोर्ट ने साफ कहा है कि जो भी डीआरडीई के पास अवैध अतिक्रमण हैं उसे हटाया जाए। उसी के परिपालन में यह कार्रवाई की जा रही हैै।
सुरेंद्र सिंह, पीड़ित नगर निगम ने बिना सूचना दिए अतिक्रमण विरोधी कार्रवाई को अंजाम दिया है। जबकि हम 7 साल से यहां रह रहे थे। तब तक डीआरडीई को लेकर कोई मैटर नहीं था। लेकिन अचानक कोर्ट से यह मैटर उठा है और जिस पर यह निगम कार्रवाई कर रहा है जोकि अवैधानिक है क्योंकि नगर निगम के पास ऐसा कोई आर्डर नहीं है जिसमें हाई कोर्ट ने कहा हो कि मकान अवैध हैं।
विवेक शेजवलकर मेयर ग्वालियर का कहना है कि निगम के द्वारा जो कार्रवाई की जा रही है महाराणा प्रताप नगर में वह सही है क्योंकि कोर्ट की तरफ से आदेश हुआ है, उसी के परिपालन में कार्रवाई की जा रही है।








