May 18, 2018
भारत सरकार की रिपोर्ट में ग्वालियर शहर स्वच्छता के मामले में एक बार फिर से पिछड गया है जबकी प्रदेश का इंदौर पहले नम्बर पर और भोपाल दूसरे नम्बर पर आया है। इस मामले को लेकर विपक्ष नगर निगम की कार्यशैली पर जमकर प्रहार कर रहा है विपक्ष का कहना है कि निगम द्वारा केवल कागजों में काम किया जा रहा है धरातल पर कुछ नही है।
51 शहरों की सूची जारी
ग्वालियर पिछले एक साल में स्वच्छता सर्वेक्षण की रैंकिंग बढ़ाने के नाम पर 20 करोड़ से ज्यादा की राशि खर्च करने के बाद भी ग्वालियर देश के सबसे स्वच्छ शहरों की सूची में जगह नहीं बना सका है। केन्द्र सरकार ने बुधवार को विभिन्न श्रेणी में 51 शहरों की सूची जारी की है। उसकी टॉप-3 की सूची में पहले स्थान पर इंदौर, दूसरे पर भोपाल और तीसरे पर चंडीगढ़ ने जगह बनाई है। देश में 10 लाख की आबादी वाले शहरों की पांच श्रेणी में भी ग्वालियर का नाम नहीं है। हालांकि प्रदेश की मंत्री मायासिंह का कहना है कि आने वाली सूची मे ग्वालियर अच्छा स्थान बनाएंगा ।
स्वच्छता सर्वेक्षण-2018 में ग्वालियर रहा पीछे
स्वच्छता सर्वेक्षण-2018 का सर्वे करने के लिए दिल्ली से 12 फरवरी को टीम आई थी। 12 दिन रहकर टीम ने शहर के विभिन्न हिस्सों में जाकर सर्वे किया। उसके बाद आंकड़ों के साथ दिल्ली रवाना हो गई थी। तब उम्मीद जताई जा रही थी कि टॉप टेन की सूची में ग्वालियर स्थान बना लेगा। सर्वे सूची जारी होने के बाद ऐसा हो नहीं पाया। जबकि ऑनलाइन फीडबैक में ग्वालियर पहले नंबर पर आया था।
ग्वालियर के स्वच्छता में पिछडने के कुछ यह रहे कारण
1. अगर लैंडफिल साइट की बात करे तो वह 2 साल में नहीं बन पाई है.
2. एसटीपी प्लांट : अभी तक 50 एमएलडी की क्षमता वाला ही प्लांट है, जो पर्याप्त नहीं था।
अब 144 एमएलडी की क्षमता वाला बन रहा है।
3. डोर टू डोर कचरा कलेक्शन मामले में : शहर में अभी तक पूरी तरह डोर-टू-डोर कचरा
कलेक्शन शुरू नहीं हुआ है। अब 1 प्राइवेट कंपनी ईको ग्रीन को काम दिया गया है।
4. मशीनो के मामले मे : इंदौर और भोपाल की तरह अत्याधुनिक मशीन सड़क और सीवर
सफाई की नहीं है।
5. मैन पॉवर मामले में : नगर निगम ग्वालियर का एरिया प्रदेश में सबसे बड़ा एरिया है। उस
हिसाब से मैन पाॅवर की व्यवस्था आज तक नहीं हो पाई।
नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष कृष्णराव दीक्षित का कहना है कि स्वच्छता सर्वेक्षण के नाम पर नगर निगम ने 20 करोड़ रुपए की राशि खर्च कर दी है। तब भी हम पुरानी स्थिति में नहीं हैं। अब ओवर ऑल की बात कही जा रही है वह तस्वीर भी सामने आ जाएगी, शहर में चारों तरफ कचरा आज भी दिख जाएगा।