Oct 26, 2016
जबलपुर। कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा को मप्र हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट ने केके मिश्रा की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। भोपाल की जिला अदालत ने केके मिश्रा के खिलाफ गिरफ्तारी वारेंट जारी किया था। जिस पर हाईकोर्ट ने अंतरिम रोक लगा दी है।
दरअसल केके मिश्रा ने भोपाल में एक प्रेस कॉन्फ्रैंस कर आरोप लगाया था कि बालाघाट में जिस एसएस मिनरल्स को मैग्नीज़ की खदानें आवंटित की गईं हैं वो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के स्वामित्व वाली संस्था है। मिश्रा ने मुख्यमंत्री पर पद के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए मामले की सीबीआई जांच की मांग की थी। इस मामले में भोपाल के हबीबगंज थाने में केके मिश्रा के खिलाफ जालसाज़ी की धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज करवाई गई थी। मामले में सुनवाई करते हुए भोपाल जिला अदालत ने केके मिश्रा के खिलाफ झूठे आऱोपों और फर्जी दस्तावेजों के मामले में लिप्त पाया। जिसके बाद कोर्ट ने कांग्रेस प्रवक्ता पर वैधानिक कार्रवाई करने का फरमान सुुनाते हुए उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया ।
केके मिश्रा की ओर से जबलपुर हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर अपने खिलाफ भोपाल जिला अदालत में चल रहे मामले को चुनौती दी गई। मिश्रा की ओर से कहा गया कि उन्होंने मुख्यमंत्री पर आरोप एक राष्ट्रीय स्तर की मैग्ज़ीन और पूर्व विधायक किशोर की याचिका के आधार पर लगाए। जिसके बाद मप्र हाइकोर्ट ने सोमवार को मामले में सुनवाई करते हुए केके मिश्रा के खिलाफ गिरफ्तारी सहित वैधानिक कार्रवाई पर रोक लगा दी। वहीं शिकायतकर्ता से कोर्ट ने जवाब मांगा है।