May 31, 2024
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट (MP High Court) ने अनूपपुर में रहने वाले याचिकर्ताओं की याचिका को खारिज कर दिया। इस याचिका में युवा- युवती नें विशेष शादी अधिनियम के चलते शादी करने की, पुलिस की सुरक्षा और अन्य राहतों की माँग की थी। कोर्ट ने इस बड़े फैसले (MP High Court Verdict) को सुनाते समय मुस्लिम कानून का हवाला दिया। जस्टिस जी.एस. अहलूवालिया की सिंगल बेंच ने इस मुद्दे में कहा कि मुस्लिम कानून (Muslim Law) के अनुसार, एक मुस्लिम पुरुष की शादी मूर्तिपूजक महिला से अवैध है और यह विवाह गैरकानूनी माना जाएगा।
याचिकाकर्ताओं की कोर्ट से अपील
याचिकाकर्ताओं ने परिवार के सदस्यों से मिल रही धमकियों के चलते अदालत का दरवाजा खटखटाया था। याचिकाकर्ता सारिका सेन ने परिवार के सदस्यों द्वारा साफी खान के खिलाफ अपहरण सहित किसी भी आपराधिक आरोपों से सुरक्षा की भी मांग की थी। साथ ही याचिकाकर्ताओं ने अदालत से अधिकारियों को सुरक्षा प्रदान करने और विवाह पंजीकरण अधिकारी के समक्ष उनकी सुरक्षित उपस्थिति सुनिश्चित करने का निर्देश देने की माँग की थी।
याचिकर्ताओं ने यह भी कहा
युवा- युवती ने अदालत से कहा कि वे एक दूसरे से प्यार करते हैं लेकिन परिवार की नमंजूरी के चलते वे अपनी शादी को पंजीकृत नहीं कर पाए।याचिकर्ताओं का यह भी कहना है कि वे शादी के बाद धर्म परिवर्तन नहीं करेंगेम,युवती हिन्दु रहकर अपने धर्म के अनुसार ही जीवन बिताएगी और साथ ही वे एक दूसरे के धार्मिक कार्यों में हस्तक्षेप भी नहीं करेंगे।
अदालत का फैसला
अदालत ने सुप्रीम कोर्ट में मुसलिम लॉ का हवाला देते हुए कहा कि एक मुस्लिम पुरुष और एक मूर्ति पूजा करने वाली महिला के बीच विवाह अनियमित माना जाता है। जस्टिस जी.एस. अहलूवालिया का फैसला था कि विशेष विवाह अधिनियम के तहत भी, व्यक्तिगत कानून के अनुसार यह विवाह अनियमित बना रहेगा। जिसके चलते अदालत ने याचिकर्ताओं की सभी अपीलों को खारिज कर दिया।
