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मालवा-निमाड़ की 66 सीटें तय करेंगी 'प्रदेश सरकार' 

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Jan 30, 2023

प्रदेश विधानसभा की 230 सीटों में से 66 सीटें मालवा-निमाड़ क्षेत्र से आती है ,ओर जिसने मालवा -निमाड़ जीत लिया उसके लिए सत्ता हासिल करना आसान हो जाता है। जिस पार्टी को यहां कामयाबी मिलती है, वही प्रदेश में सरकार बनाती है। मालवा-निमाड़ में 15 जिले, और 2 संभाग आते हैं। बात करे पिछले चुनावों की तो कांग्रेस को यहाँ फ़ायदा हुआ था जिससे लम्बे समय बाद कांग्रेस को मध्य प्रदश में सत्ता मिली थी। हालांकि,2013 के चुनावों में बीजेपी ने एकतरफा इस क्षेत्र को जीत कर सरकार बनाई थी। 2018 में यहां कांग्रेस का परफॉरमेंस बीजेपी के लिए भी चौकाने वाला था,क्युकी मालवा -निमाड़ बीजेपी का मज़बूत गढ़ रहा है। 2018 के चुनावों में 66 सीटों में से कांग्रेस ने 35 सीटों पर जीत दर्ज की थी। भारतीय जनता पार्टी के 28 प्रत्याशी ही जीतकर विधानसभा पहुंच सके थे। इस क्षेत्र में आदिवासी और किसान वर्गों के मतदाता बड़ी संख्या में है। मालवा-निमाड़ के चुनावी महत्व को इसी बात से समझा जा सकता है कि पिछले चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी भी इस इलाके में बड़ी रैलियों को संबोधित कर चुके हैं। पिछले चुनावों में मालवा-निमाड़ से भाजपा के पिछड़ने के कारण पार्टी को सत्ता से बाहर होना पड़ा था। इस क्षेत्र में बीजेपी का सबसे प्रभावी चेहरा शिवराज सिंह चौहान रहे है पर अब सिंधिया के आने के बाद कौन ज़्यादा प्रभावी रहने वाला है इस पर भी अब चर्चा हो रही है। मध्यप्रदेश में कुल 47 आदिवासी आरक्षित सीटें हैं। इनमें से 22 मालवा-निमाड़ में हैं।  पिछली बार इन सीटों में से 14 कांग्रेस और 7 भाजपा ने जीतीं। इस लिहाज़ से आदिवासी वोट चुनावों में डिसाइडर बन सकता है ओर इसीलिए ही आदिवासी आबादी का समर्थन हासिल करने के लिए राज्य की बीजेपी सरकार ने योजनाओं का पिटारा खोल दिया है।