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राजस्व विभाग की लापरवाही से तबेले मे पढ़ रहा है कल का भविष्य 

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Jan 5, 2019

सुरेश नागर - लेकिन सरकार के ये दावे जमीनी स्तर पर फुस्स होते नजर आ रहे है ज़ी हा हम बात कर रहे है सरकार के उन्ही दावो के उलट आज भी सरकारी प्रायमरी स्कूल के तबेले मे पढ़ अपना भविष्य बनाने वाले उन बच्चो की जो सरकारी तंत्र की उदासीनता के चलते पिछले दो सालो से अपना भविष्य बनाने के लिए भैंसों के तबेले मे पढ़ने को मजबूर है। 

कहां का है मामला

राजगढ़ जिले के नरसिंहगढ़ के जनपद शिक्षा केंद्र के ग्राम हिनोतिया (गांधीपूरा क्रमांक-01) का है। हिनोतिया ग्राम से तीन किलोमीटर की दूरी पर ग्राम की ही बसावट के निवासरत करीब साठ परिवार के बच्चो की पढ़ाई के लिए वर्ष 2000/मे  राजीवगांधी ग्रामीण शिक्षा मिशन अंतर्गत ई.जी.एस. शाला को प्रारम्भ किया गया था जिसके लिए एक स्कूल बिल्डिंग का निर्माण किया गया था जब से ही (गांधीपूरा क्रमांक-01) के बच्चे इसी बिल्डिंग मे पढ़ाई करते थे। 

भैंसों के तबेले में पढ़ रहे बच्चे

पर साल 2017 मे लोक निर्माण विभाग इंजीयर द्वारा के द्वारा अवलोकन पश्चात फाउंडेशन मे दरारे आ जाने से बिल्डिंग को अनु उपयोगी बताने पर स्कूल का संचालन वह से बंद कर दिया और तभी से बच्चो को अपना भविष्य बनाने के लिए एक निजी मकान के भैंसों के तबेले में बैठ कर अपना भविष्य बनाने के लिए अपनी पढ़ाई करना पड़ रही है। अपने अंदर की प्रतिभा को इस प्रकार हर दिन अपना भविष्य बनाने के लिए जहा मवेशी बांधे जाते हे वह भी करीब चार से पांच घंटे बेठना पड़ता हे सरकारी तंत्र की लापरवाही का जीता जगता उधारण इससे बड़ा और कहां मिल सकता है।

भूमि आवंटन का दंश झेल रहे बच्चे

जबकि शाला प्रबंधन समिति के खाते मे स्कूल बिल्डिंग की राशि तक जमा है परन्तु राजस्व विभाग द्वारा दों वर्षो से स्कूल प्रबंधन समिति को भूमि आवंटित नही करने का दंश नन्हे बच्चों को झेलना पड़ रहा है। जबकि ग्रामीणों ने इस समस्या के समाधान को लेकर जिला कलेक्टर के समक्ष जनसुनवाई मे भी गुहार लगाई व मुख्यमंत्री हेल्पलाइन तक मे भी शिकायत की पर ढांक के तीन पात आज तक बच्चो को भैंसों के तबेले से मुक्ति दिलाने मे कोई उचित व सार्थक कदम नही उठा पाया है।