Jul 24, 2023
उत्तर प्रदेश में ज्ञानवापी विवाद को लेकर कोर्ट फैसला सामने आया है, जिसमें कोर्ट ने ASI सर्वे की अनुमति दी है. मध्यप्रदेश में खंडवा से ज्ञानवापी का कनेक्शन देखा जा रहा है. यहां बारहवीं शताब्दी का अतिप्राचीन शिव मंदिर है. इस पर भी मुस्लिम पक्ष द्वारा याचिका लगा कर दावा किया गया था कि यहां कोई शिव मंदिर नही है , तो ASI ने यहां भी कार्बन डेटिंग द्वारा सर्वे कराया गया , जिससे सारे तथ्य सामने आये थे. इसी बात की जानकारी ज्ञानवापी मामले के वकील विष्णुशंकर जैन को लगी तो वो यहां आये और यहां की रिपोर्ट मांगी, इसी रिपोर्ट को लेकर वो वाराणसी गए. इसी रिपोर्ट के आधार पर ही ज्ञानवापी पर सर्वे का फैसला आया है.
ज्ञानवापी मामले में महादेव मंदिर के तथ्य रखे गए
ज्ञानवापी मामले में याचिकाकर्ताओं के वकील विष्णुशंकर जैन तीन माह पूर्व खण्डवा के इस मंदिर में आये थे ,और विवाद के सम्बन्ध में न्ययालयीन कार्यवाही के तमाम दस्तावेज भी लेकर गए थे. उनका मानना था कि जब खण्डवा में विवादित स्थल पर मंदिर होने की पुष्टि एएसआई कर सकती है , तो ज्ञानवापी में क्यों नहीं ? इस बात को लेकर उन्होने ट्वीट भी किया जिसके समर्थन में व्यापक प्रतिक्रिया आई.
वकील के ट्वीट को हजारों लोगों ने किया था लाइक
ज्ञानवापी केस में हिन्दू पक्ष की पैरवी कर रहे सुप्रिम कोर्ट के वकील विष्णु शंकर जैन ने सोशल मीडिया पर महादेव गढ़ मंदिर की फोटो के साथ आर्टिकल शेयर कर सवाल भी उठाया था , उन्होने अपने ट्विटर अकाउंट पर ट्वीट किया था , कि जब एएसआई खंडवा में शिवलिंग की जांच कर उसके ऐतिहासिक महत्व को बता सकता है , तो ज्ञानवापी मे क्यों नहीं ? इस ट्वीट को हजारों लोगों ने लाईक किया और सैकड़ो लोगों ने रिट्वीट भी किया था.








