Apr 9, 2023
सीएम शिवराज के दौरा कार्यक्रम में मिशन 2023 की तैयारियां भी
भोपाल. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के दौरा कार्यक्रमों में अब संबंधित शहरों में प्रबुध्दजनों से संवाद का कार्यक्रम गौरतलब हो चला है। आने वाले समय में वे शहरों में ढेरों विकास कार्यों का लोकार्पण व शिलान्यास तो करेंगे ही, वहां प्रबुध्दजनों से चर्चा कर सरकार के प्रति मानस भी तैयार करने का काम करेंगे। जानकार सूत्रों का कहना है कि भाजपा की अंदरखाने बैठकों में भी यह बात उभरी है कि लोगों के बीच सरकार की छवि को सार्वजनिक कार्यक्रमों व मेगा इवेंट के जरिये उभारने के साथ ही प्रभावी चर्चा भी जरूरी है। इसीलिये प्रबुध्दजनों से चर्चा कुछखास है। कल शिवराज ने रतलाम दौर के मौके पर भी यह क्रम दोहराया था। वे पार्टी के कार्यकर्ताओं और स्थानीय नेताओं से भी अलग से संवाद करने की कोशिश में हैं। आज शिवराज जबलपुर में भी प्रबुध्दजनों से चर्चा कर रहे हैं। इसके पहले भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने तीन दिनी जबलपुर प्रवास के दौरान यह काम किया था। हालांकि भाजपा को इसके बाद नगरीय निकाय चुनाव के नतीजे उम्मीदों के अनुरूप नहीं मिले थे, लेकिन हाल की विकास यात्राओं के दौरान मिले फीडबैक के बाद भाजपा ने संगठन के जरिये भी जनता से संवाद करने व उनके बीच अपने कार्यकर्ताओं की पैठ बढ़ाने की कोशिशें तेज की हैं। संघ के लोग भी इसमें सक्रिय हैं।
महाधिवक्ता कार्यालय बनेगा
शिवराज आज जबलपुर पहुंचे हैं वे हाईकोर्ट के सामने अंबेडकर चौक के नजदीक मप्र के महाधिवक्ता कार्यालय के भूमि पूजन समारोह में शामिल हुए और इसका शिलान्यास किया। महाअधिवक्ता प्रशांत सिंह समेत अनेक लोग यहां मौजूद हैं। इसके बाद शिवराज मानस भवन में आयोजित संवाद कार्यक्रम में भी भाग लेंगे। वे यहां शहर के प्रबुद्ध जनों से संवाद करेंगे और लोगों से सुझाव लेंगे। संवाद कार्यक्रम में भाग लेने के बाद सीएम दोपहर 3.30 बजे वायुयान से भोपाल प्रस्थान करेंगे।
कमजोर कड़ियों को लेकर चिंता
गौरतलब है भाजपा संगठन ने पिछले दिनों इस तरह के संवाद अपने 64 हजार बूथ पर शुरू किये हैं। लेकिन जानकारों का कहना है कि हाइकमान ने भी चुनावी राज्य होने की वजह से मप्र के नेताओं को समाज के प्रबुध्द वर्ग से ज्यादा संवाद करने व उनकी भावनाओं को समझने के लिये कहा है। मप्र में भाजपा के आंतरिक सर्वे में ही करीब 60 विधायकों की रिपोर्ट नेगेटिव आई है इसलिये उन इलाकों पर ज्यादा जोर देने की कोशिश की जा रही है जहां पार्टी की स्थिति अब कमजोर है तथा पिछले चुनाव में उसके उम्मीदवारों को हार मिली थी। मुख्यमंत्री खुद भी कमजोर स्थिति वाले विधायकों से वन टू वन चर्चा कर चुके हैं।