Dec 20, 2022
मध्य प्रदेश विधानसभा: विधानसभा चुनाव से पहले शिवराज सरकार को घेरने के लिए कांग्रेस ने विधानसभा के शीतकालीन सत्र में अविश्वास प्रस्ताव पेश किया। सोमवार को नेता प्रतिपक्ष ड। गोविंद सिंह ने वरिष्ठ विधायकों के साथ विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम को 51 सूत्री आरोप पत्र सौंपा। जिसमें महंगाई, बेरोजगारी, भर्ती व निर्माण में अनियमितता को मुद्दा बनाया गया है। सदन में विपक्ष के नेता ने अध्यक्ष से अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा करने की मांग की, जिस पर उन्होंने कहा कि वह जल्द ही इस पर निर्णय लेंगे।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के पास भाजपा सरकार के खिलाफ चार्जशीट तैयार करने की जिम्मेदारी है। इसके अलावा पूर्व मंत्री पीसी शर्मा, जीतू पटवारी, प्रियव्रत सिंह, आरिफ मसूद समेत अन्य विधायकों ने भी अलग-अलग चार्जशीट दी है। ड। गोविंद सिंह, पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा और तरण भनोट ने कहा कि सरकार हर मोर्चे पर विफल रही है। न तो किसी को रोजगार मिल रहा है और न ही नए उद्योग खुल रहे हैं। भर्ती के नाम पर युवाओं के साथ खेल रहे हैं। निर्माण कार्यों में भारी अनियमितता बरती जा रही है। इन सभी मुद्दों को अविश्वास प्रस्ताव के जरिए सदन में उठाया जाएगा और सरकार से जवाब मांगा जाएगा।
सरकार पर लगे हैं ये आरोप
पूरक पोषाहार वितरण में गड़बड़ी
आयुष्मान योजना के नाम पर अस्पतालों में ठगी
नर्सिंग कॉलेजों में घोटाला, मेडिकल कॉलेजों में खरीद के नाम पर कदाचार
स्वरोजगार की योजनाएं बेरोजगारों को ठगती हैं, बेरोजगारी दूर करने का कोई ठोस उपाय नहीं है।
राज्य में आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं की कमी के कारण सरकार आगजनी की घटनाओं को रोकने में विफल रही
जहरीली शराब से मौतों में इजाफा, शराब की बिक्री को बढ़ावा देने के फैसले को लेकर महिलाओं में रोष
राम वन गमन पथ निर्माण नहीं, महाकाल महालोक निर्माण में भ्रष्टाचार
ओलावृष्टि प्रभावित किसानों को नहीं मिला मुआवजा
भिंड में कोटवार और भृत्य की फर्जी नियुक्ति दिखाकर लाखों रुपये निकाल लिये गये
करम बांध के निर्माण में भारी अनियमितता
राशन की दुकानों से गरीबों को घटिया चावल का वितरण
राज्य में बिजली काटकर दूसरे राज्यों को बेचना, सोलर पंप योजनाओं में राज्य की हिस्सेदारी कम करना और किसानों पर बोझ डालना
280 कार्यवाही की स्वीकृति न देकर अधिकारियों को बचाने का प्रयास।
संविदा नियुक्ति पर विवाहित पुत्री का नियोजन न होना, अविवाहित पुत्रियों एवं विधवाओं को पारिवारिक पेंशन की पात्रता न होना
सहकारी समितियों में भ्रष्टाचार के मामलों की धीमी जांच, पुलिसकर्मियों को साप्ताहिक अवकाश नहीं देना
प्रधानमंत्री आवास और सामूहिक विवाह योजना में करोड़ों रुपये का घोटाला
आदिवासी हितों की अनदेखी स्कूली बच्चों के लिए गणवेश खरीद में की जा रही अनियमितता
प्राध्यापक भर्ती में घोटाला, हिंदी ग्रंथ अकादमी में निदेशक की अवैध नियुक्ति
किसानों की कर्ज माफी को रोकना, उर्वरकों की कमी, राज्य पर अत्यधिक कर्ज का बोझ, बिगड़ती कानून व्यवस्था, राज्य में अवैध खनन और रेत माफिया का आतंक।