Dec 20, 2022
छत्तीसगढ़ में कस्टम मिलिंग राइस मिलर्स ने अभी तक दो लाख टन चावल जमा नहीं किया है। इसकी कीमत करोड़ों रुपए में है। राइस मिलिंग नियमों के अनुसार, राइस मिलर्स को धान की कटाई के बाद निर्धारित अवधि के भीतर चावल जमा करना होता है। ऐसे में कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए बीजेपी ने इसे चावल घोटाला करार दिया है। उधर, खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने मामले की जांच के आदेश देने की बात कही है।
प्रदेश में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के बाद समितियों से सीधे धान की वसूली कर कस्टम मिलिंग कराने का नियम है। इसके तहत मार्कफेड से डीओ जारी होने पर राइस मिलर्स समितियों से धान की वसूली करते हैं और नान द्वारा चावल जमा किया जाता है। यह चावल जन वितरण प्रणाली को भेजा जाता है। इसकी मॉनिटरिंग करना खाद्य विभाग की जिम्मेदारी है।
छत्तीसगढ़ में चावल मिल मालिकों ने पिछले वर्षों में धान की कटाई के बाद चावल जमा नहीं किया था। जिससे सरकार को करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है। जब 2022-23 सीज़न के लिए मिलिंग शुरू होने से पहले राइस मिलर्स दबाव में थे, तो उन्होंने बड़ी मात्रा में चावल का स्टॉक कर लिया। इसके बाद भी दो लाख टन चावल जमा नहीं किया गया है। स
बीजेपी ने कहा, बड़ा घोटाला
बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता अनुराग सिंहदेव ने कहा कि राज्य में कोयला और बालू घोटाले के बाद यह चावल घोटाला है। राज्य सरकार और खाद्य मंत्री राइस मिलर्स पर मेहरबान हैं। राज्य में अभी तक दो लाख टन चावल का संग्रह नहीं हुआ है जो डेढ़ से दो साल पहले था। आरोप है कि चावल जमा नहीं कर बाजार में बेच दिया। यह राइस मिलर्स को फायदा पहुंचाने के लिए किया गया।
मंत्री ने कहा- कोई बात नहीं, चावल जमा करने का आदेश
राज्य के खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने माना है कि राइस मिलर्स ने करीब दो लाख टन चावल का स्टॉक नहीं किया है। हालांकि, खाद्य मंत्री ने किसी भी गलत काम को मानने से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि राइस मिलर्स को जल्द चावल जमा करने का निर्देश दिया गया है। चावल जमा नहीं कराने पर जमा राशि जब्त करने की कार्रवाई की जायेगी। खाद्य मंत्री ने कहा कि खाद्य अधिकारी की लापरवाही के कारण निलंबित किया गया है।