Dec 16, 2025
एमपी कैबिनेट: कर्मचारियों को बड़ी राहत, मेट्रो और वन विकास को झटका मिला बढ़ावा!
भोपाल में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में कई जनहितैषी फैसले लिए गए। सरकारी कर्मचारियों के पदों में भेदभाव खत्म करने से लेकर भोपाल-इंदौर मेट्रो और सिंचाई परियोजनाओं तक, सरकार ने विकास और कर्मचारी कल्याण पर जोर दिया। इन निर्णयों से प्रदेश की अर्थव्यवस्था और बुनियादी ढांचे को नई गति मिलेगी।
कर्मचारियों के पदों में भेदभाव खत्म
कैबिनेट ने बड़ा फैसला लेते हुए सरकारी विभागों में स्थायी और अस्थायी पदों के बीच अंतर समाप्त कर दिया। अब 10 श्रेणियों की जगह सिर्फ 5 श्रेणियां रहेंगी। मौजूदा अस्थायी पदों को स्थायी में बदला जाएगा, जबकि कार्यभारित और आकस्मिक पदों को सांख्येतर घोषित किया गया। इससे हजारों कर्मचारियों को स्थायित्व और लाभ मिलेंगे।
मेट्रो और उद्यम क्रांति को मंजूरी
भोपाल-इंदौर मेट्रो परियोजना के लिए 2025-26 में 90.67 करोड़ रुपये के बजट को हरी झंडी दी गई। साथ ही उद्यम क्रांति योजना को 2026-27 से 2030-31 तक जारी रखने की स्वीकृति मिली, जिसके लिए 905 करोड़ का प्रावधान किया गया। ये कदम रोजगार सृजन और शहरी विकास को बढ़ावा देंगे।
सिंचाई और बिजली पर बड़ा निवेश
राघवगढ़ बहुउद्देश्यीय परियोजना के लिए 1782 करोड़ रुपये मंजूर किए गए। इससे अनूपपुर, मंडला और डिंडोरी जिलों में 71 हजार हेक्टेयर से अधिक भूमि की सिंचाई होगी और 125 मेगावाट बिजली उत्पादन संभव हो सकेगा। मुख्यमंत्री सड़क योजना के तहत 3810 कार्यों को भी批准 किया गया।
वन विज्ञान केंद्रों की स्थापना
कृषि विज्ञान केंद्रों की तर्ज पर 48 करोड़ की लागत से 6 नए वन विज्ञान केंद्र स्थापित किए जाएंगे। यह पर्यावरण संरक्षण और वन संसाधनों के वैज्ञानिक प्रबंधन को मजबूत करेगा।








