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कूनो चीता प्रोजेक्ट पर फिर सवाल : हाईवे पर कुचला गया शावक, तीन दिन में दो चीतों की मौत, ट्रैकिंग में चूक या सिस्टम फेल?

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Dec 7, 2025

कूनो चीता प्रोजेक्ट पर फिर सवाल : हाईवे पर कुचला गया शावक, तीन दिन में दो चीतों की मौत, ट्रैकिंग में चूक या सिस्टम फेल?

प्रशांत शर्मा श्योपुर:  मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क से निकलकर भटकते चीतों की सुरक्षा को लेकर उठे सवालों के बीच एक और दुखद घटना सामने आई है। श्योपुर से ग्वालियर सीमा पर हाईवे पर वाहन की टक्कर से चीते के शावक की मौत हो गई। वन विभाग ने शव को कब्जे में ले पोस्टमॉर्टम कराया, जबकि चालक पर वन्यजीव कानून के तहत कार्रवाई शुरू की गई। पिछले तीन दिनों में दो चीतों की ऐसी मौतें प्रोजेक्ट चीता पर सवाल खड़े कर रही हैं।

कूनो से हाईवे तक का खतरनाक सफर

कूनो नेशनल पार्क के आसपास के जंगलों से चीते अक्सर बाहर निकल आते हैं, खासकर युवा शावक जो मां से बिछड़ जाते हैं। इस बार मादा चीता गामिनी का 10 महीने का शावक श्योपुर के जंगलों को पार कर ग्वालियर के घाटीगांव क्षेत्र पहुंच गया। रात के अंधेरे में नेशनल हाईवे पर सड़क पार करते समय तेज रफ्तार वाहन ने उसे कुचल दिया। वन अधिकारी उत्तम शर्मा ने पुष्टि की कि शावक कूनो से करीब 15 दिनों से इधर-उधर भटक रहा था।

ट्रैकिंग टीम पर लापरवाही के आरोप

वन विभाग 24x7 निगरानी का दावा करता है, लेकिन घटनास्थल पर पहुंचने में घंटों लग गए। अगर ट्रैकिंग टीम समय पर अलर्ट होती, तो हाईवे को ब्लॉक कर शावक को सुरक्षित निकाला जा सकता था। विशेषज्ञों का कहना है कि जीपीएस कॉलर और ड्रोन सर्विलांस के बावजूद मानवीय चूक से ऐसी घटनाएं बढ़ रही हैं। इससे न सिर्फ चीतों की संख्या घट रही, बल्कि प्रोजेक्ट की विश्वसनीयता पर भी असर पड़ रहा है।

तीन दिनों में दूसरी चीता मौत

बुधवार को अंतरराष्ट्रीय चीता दिवस पर मादा चीता वीरा के एक शावक को जंगल में छोड़ा गया था, लेकिन शुक्रवार को वह मृत मिला। प्राकृतिक कारणों या भटकाव से मौत की आशंका जताई गई। अब शनिवार की रात दूसरे शावक की हाईवे पर मौत ने चिंता बढ़ा दी। कूनो में चीतों की कुल संख्या 28 रह गई है, जिसमें ज्यादातर भारत-जन्मे शावक हैं। ये घटनाएं प्रोजेक्ट के लिए बड़ा झटका हैं।

वाहन चालक पर सख्त कार्रवाई की तैयारी

वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत अज्ञात चालक के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से मौत के सटीक कारणों का पता चलेगा, लेकिन प्रारंभिक जांच में वाहन टक्कर ही मुख्य लग रही है। विभाग ने हाईवे पर स्पीड लिमिट सख्त की है और ट्रैफिक डायवर्जन की योजना बनाई। साथ ही, आसपास के दूसरे शावक की तलाश तेज कर दी गई है, जो मां से बिछड़ा हो सकता है।

प्रोजेक्ट चीता को बचाने की चुनौतियां

चीता पुनर्वास परियोजना भारत की वन्यजीव विरासत को पुनर्जीवित करने का प्रयास है, लेकिन मानवीय अतिक्रमण और ट्रैफिक से खतरा बढ़ रहा। विशेषज्ञ सुझाव दे रहे हैं कि बफर जोन में अवरोधक लगाए जाएं और स्थानीय समुदाय को जागरूक किया जाए। इन मौतों से सबक लेते हुए विभाग को निगरानी मजबूत करनी होगी, वरना दुर्लभ प्रजाति का संरक्षण सपना अधूरा रह जाएगा।

 

Report By:
Monika