Oct 4, 2024
जनजातीय विभाग के स्कूलों में शिक्षकों की पसंद के विरुद्ध उनके घरों से 300 किमी से 800 किमी दूर पोस्टिंग की गई.
मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की जबलपुर स्थित मुख्य पीठ ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि वह 21 अक्टूबर तक राज्य शिक्षा विभाग के स्कूलों के शिक्षकों को उनकी पसंद के अनुसार पदस्थ करना सुनिश्चित करे.
यह निर्देश न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा और न्यायमूर्ति विनय सराफ की युगल पीठ ने दिया, जो शिक्षकों को आरक्षित श्रेणी से अनारक्षित श्रेणी में परिवर्तित करने के बाद वंचित पदों पर पदस्थ करने के संबंध में स्कूल शिक्षा विभाग और लोक शिक्षण संचालनालय (डीपीआई) के निर्णयों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रहे थे.
याचिकाकर्ताओं ने दावा किया है कि लगभग 2500-3000 शिक्षकों को उनकी पसंद के विरुद्ध उनके गृहनगर से 300 किमी-800 किमी दूर आदिवासी विभाग के स्कूलों में पदस्थ किया गया है.
साल 2023 में राज्य शिक्षा विभाग के साथ संयुक्त काउंसलिंग में पोस्टिंग को अंतिम रूप दिया गया था. याचिकाकर्ताओं ने कहा था कि डीपीआई आयुक्त ने न तो उन्हें चयन में प्राथमिकता दी और न ही पोस्टिंग के लिए आरक्षण नियम बताए.