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'MP में नहीं चलेगा अंडे का फंडा': नरोत्तम मिश्रा का बयान, WCD की गजट नोटिफिकेशन पर उठाया सवाल

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Sep 5, 2022

मध्य प्रदेश के गृहमंत्री ने रविवार को ये बयान दिया कि प्रदेश के किशोर एवं सुधार गृहों में बंद बच्चों को खाने में अंडे या चिक नहीं दिया जाएगा। उन्होंने अपने बयान में साफ कहा कि,"मध्य प्रदेश में नहीं चलेगा अंडे का फंडा।" गृहमंत्री का ये बयान मप्र महिला एवं बाल विकास विभाग के गजट नोटिफिकेशन जारी करने के बाद आया है। 

दरअसल, महिला एवं बाल विकास विभाग ने 25 अगस्त को किशोर न्याय अधिनियम 2016 के अंतर्गत एक नोटिफिकेशन जारी किया जिसके मुताबिक बाल सुधार गृह में रहने वाले बच्चों को खाने में अंडा और चिकन भी दिया जाएगा। इस पर नरोत्तम मिश्रा ने आगे बढ़कर ये बात कही। 

क्या था गृहमंत्री का बयान?

गृहमंत्री ने कहा कि,"मध्य प्रदेश में अंडे का फंडा नहीं चलेगा। हमने ये साफ कर दिया था कि किसी भी बच्चे को अंडा नहीं दिया जाएगा। मुद्दे पर कोई सोच विचार की ङी गुंजाइश नहीं है क्योंकि न तो यह राज्य सरकार के पास मंजूरी के लिए आया है और न ही ऐसा प्रस्ताव लंबित है।"

इस पर मप्र महिला एवं बाल विकास विभाग ने सफाई देते हुए बताया कि राज्य सरकार ने केंद्र द्वारा जारी किए गए सभी नियमों का पालन किया है। इसमें रूल नंबर 33 के मुताबिक सुधार गृहों में रहने वाले बच्चों को पौष्टिक भोजन दिया जाएगा। इसी के चलते विभाग ने खाने की सूची में अंडे को शामिल किया। 

WCD कर रही बदलाव

महिला एवं बाल विकास विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि,"हमने केंद्र के द्वारा निर्धारित किए गए नियमों का पालन किया। कैबिनेट में या किसी अन्य बैठक में मामले पर कोई चर्चा नहीं हुई। भाजपा नेतृत्व वाली गुजरात सरकार ने भी इसे लागू किया है। आंगनबाड़ी और सुधार गृहों में रह रहे बच्चों को भी पौष्टिक खाने की जरूरत है। अंडा ही ऐसा एकमात्र खाद्य पदार्थ है जो डायरेक्ट एनर्जी देता है और जो मिलावटी नहीं हो सकती।"

सूत्रों ने बताया कि गृहमंत्री के आपत्ति जताने के बाद WCD इस अधिसूचना में बदलाव कर रहा है। हालांकि WCD के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी अशोक शाह और विभाग के निदेशक आरआर भोंसले ने मामले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।