Aug 23, 2022
भोपाल: लहसुन और प्याज की कीमतें किसानों को रोने पर मजबुर कर रही है दरअसल मंडियों में प्याज 50 पैसे से 1 रुपए प्रति किलो खरीदा जा रहा है। मध्यप्रदेश की मंडी में 10 से 20 अगस्त तक 4 लाख 38 हजार 962 क्विंटल प्याज आया। इन 10 दिन में सिर्फ दो दिन 18 और 20 अगस्त को ही किसान 1 लाख से ज्यादा बोरी प्याज लेकर मंडियों में पहुंचे। साफ जाहिर है - कम कीमत से किसान नाराज हैं और सड़कों पर उतरकर विरोध जता रहे हैं। रतलाम में तो प्याज की प्रतीकात्मक अर्थी निकाल दी गई है।
किसान अपना माल मंडियों में लाने को मजबुर है। बारिश की वजह से प्याज को स्टोर करने में किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इसकी वजह से वह औने-पौने दाम पर भी फसल बेच रहा है।
मंडियों के हालात
मंदसौर मंडी में अधिकतम भाव 1244 रुपए क्विंटल रहा तो न्यूनतम भाव 50 रुपए क्विंटल रहा। आप इस अंतर से समझ सकते हैं कि खराब और अच्छे प्याज की कीमतों में कितना बड़ा अंतर आ गया है। यही किसानों के गुस्से का कारण है। रतलाम की मंडी तो और चौंकाती है। यहां जिस दिन प्याज 2100 रुपए प्रति क्विंटल बिक जाता है, उसी दिन यहां एक किसान से 100 रुपए प्रति क्विंटल में प्याज खरीदा गया। व्यापारियों का कहना है कि छोटी और खराब प्याज आने से कुछ जगह रेट्स कम हो जाते हैं। बाकी सामान्य प्याज से 8 से 15 रुपए किलो खरीदा जा रहा है। खेरची में 20 से 25 रुपए किलो में बिक रहा है।
पूरे mp में कम भाव
10 अगस्त से 20 अगस्त तक मध्यप्रदेश की मंडियों की पड़ताल करने पर पता चला कि मंदसौर में किसान से प्याज 50 रुपए प्रति क्विंटल में खरीदा गया। यानी सिर्फ 50 पैसे रुपए किलो। ऐसा इसी मंडी का हाल नहीं है, इंदौर, अकोदिया, कालापीपल, नरसिंहगढ़, नीमच, बेरछा, मनासा, रतलाम, शाजापुर, शुजालपुर, सीहोर, सैलाना में 1 रुपए प्रति किलो में प्याज खरीदा गया। उज्जैन में 2 रु. किलो, भोपाल और खंडवा में 7 रुपए किलो प्याज खरीदा गया
इंदौर की चोइथराम आलू-प्याज मंडी के प्रभारी आरसी परमार ने बताया कि यहां प्याज को लेकर खराब स्थिति नहीं है। इंदौर में 10 दिन से प्याज की कीमत अच्छी है। यहां अच्छी क्वालिटी का प्याज 12 रुपए से 14 रुपए प्रति किलो तक बिक रहा है। 2 से 3 रुपए किलो में खरीदे जाने वाले प्याज बिल्कुल छोटे या खराब हैं। आज भी प्याज की कीमत 12 रुपए प्रति किलो से ऊपर ही है।
किसान मोर्चा कर सकता है आंदोलन
मालवा-निमाड़ में प्याज ही नहीं लहसुन और आलू के सही दाम नहीं मिलने से किसान परेशान हैं। संयुक्त किसान मोर्चा के रामस्वरूप मंत्री ने बताया, मालवा-निमाड़ में बंपर पैदा होने वाला लहसुन, आलू, प्याज कौड़ियों के मोल बिक रहा है। संयुक्त किसान मोर्चा के बबलू जाधव ने बताया कि 2 महीने पहले इंदौर सांसद शंकर लालवानी ने मीडिया में कहा था कि उन्होंने देश के कृषि और वाणिज्य मंत्री के सामने किसानों की इस समस्या को उठाया है। इसके बाद दोनों मंत्रियों ने आलू, प्याज और लहसुन का निर्यात खोलने का भरोसा दिलाया। लेकिन, अब तक न तो निर्यात चालू हुआ है और न ही मंडियों में आलू, प्याज और लहसुन के भाव बड़े हैं। यदी सरकार नहीं चेती तो पूरे मालवा-निमाड़ में बड़ा आंदोलन किया जाएगा।
रतलाम में अनोखा विरोध प्रदर्शन
रतलाम में प्याज का कम दाम मिलने पर किसानों ने शनिवार को मंडी का गेट बंद कर नीलामी रोक दी थी। सैलाना बस स्टैंड स्थित मंडी में भी प्रदर्शन हुआ था। किसानों ने प्याज और लहसुन की अर्थी निकालकर विरोध जताया था। रतलाम में लहसुन की तरह प्याज का बंपर उत्पादन हुआ है।
क्या वजह है ज्यादा आवक की
हर साल की तरह इस साल भी प्याज किसानों को रुला रहा है। ज्यादा आवक और बारिश की वजह से प्याज की लागत निकालना किसान के लिए भारी पड़ रहा है। बारिश में प्याज खराब हो जाता है। इस कारण किसान इसका स्टॉक भी नहीं कर पाता है। नीमच मंडी में प्याज का न्यूनतम भाव 3 रुपए किलो और अधिकतम 13 रुपए किलो है।