Nov 28, 2022
कहते हैं कि जंगल के राजा शेर किसी से नही डरते हैं, लेकिन ग्वालियर के चिड़ियाघर में रह रहे जंगल के राजा शेर को डर सताने लगा है, जी हां ग्वालियर चंबल अंचल में रात का लुढ़कता पारा इन शेरों के लिए खौफ़ का सबब बन रहा है। रात में बढ़ती सर्दी से ख़ौफ़ज़दा शेरों का डर दूर करने के लिए चिड़ियाघर में इंतजाम करना शुरू कर दिया है। चंबल अंचल में लगातार बढ़ रही सर्दी जानवरों के लिए परेशानी का सबब बनने लगी है। ग्वालियर के चिड़ियाघर में छोटे-बड़े कई 550 से ज्यादा जानवर, पशु पक्षी है। नवंबर महीने के आखिरी सप्ताह में अंचल में सर्दी ने जोर पकड लिया है। जब सर्दी का सितम बढ़ने लगा तो ग्वालियर के चिड़ियाघर में रहने वाले वनराज का कुनबा परेशान हो उठा। चिड़ियाघर में शेर, चीते और बाघों का कुनबा दिनभर बाड़ें में धूप सेंकते रहते हैं, लेकिन रात होते ही इनको सर्दी का आ खौफ़ सताने लगता है। रात का पारा लुढ़ककर 10 डिग्री तक आ गया है। यही वजह है कि चिड़ियाघर में बने शेर के पिंचरों में ठंडक जानवरों को परेशान करने लगी इस सर्दी से परेशान वनराज और उनके कुनबे को राहत देने के लिए चिड़ियाघर प्रबंधन इंतजाम शुरू कर दिए हैं। शेरों बाघों के पिंजरों में शाम होते ही गरम हीटर जलाना शुरू कर दिए हैं। पक्षियों के बाड़ों को मोटे गर्म कपड़ों से ढकना शुरू कर दिया है, वही रात के वक्त इनमें बल्ब जलाए जा रहे हैं। ताकि पक्षियों का तापमान मेंटेन रह पाए। इसके अलावा शाकाहारी पशु और पक्षियों को भोजन के लिए मैथी, बरसीम खिलाया जा रहा है,जिससे सर्दी से राहत मिल पाएगी। वही हिरणों के बाड़ में प्योर बिछाकर उन्हें गर्म रखने की कोशिश की जा रही है। वहीं शाम होते ही पक्षियों के पिजरों में गर्म बल्ब और केनवास ढंकने लगते है, तो शेर के बाडों के हीटर जलने लगते है, इन जानवरों और पक्षियों के लिए ठंड से बचाव के इंतेज़ाम देखकर सैलानी भी कह उठे है इस ठंड से बचाव के लिए ये जरूरी है।