Aug 5, 2022
मनुष्यों में कोरोना वायरस तो फैल ही रहा है पर अब एक नया वायरस आया है जिसका नाम लंपी वायरस है यह वायरस पशुओं में फैल रहा है। राजस्थान में फैला लंपी वायरस अब जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में भी पशुओं को प्रभावित कर रहा है। गायों व अन्य पशुओं में तेजी से फैलने वाले इस वायरस को लेकर पशु चिकित्सा विभाग भी अलर्ट है। विभागीय अमले ने प्रभावित क्षेत्रों में गायों की जांच, सैंपल लेने की कार्रवाई शुरू की है। इसके साथ ही पीड़ित गायों का दूध न निकालने की सलाह दी है।
मालूम हो कि शहर से लगे ग्राम सेमलिया, बरबोदना सहित अन्य गांवों में लंपी वायरस के मामले आए हैं। यहां संक्रमण के चलते गायों के शरीर पर छोटी-छोटी गठानें व होकर घाव उभर आए हैं। इससे पशुपालक भी चिंतित हैं। अचानक फैली बीमारी से गांवों में गाय व अन्य पशुओं को अलग रखने की मशक्कत भी करना पड़ रही है। राजस्थान के अलावा उत्तर प्रदेश और गुजरात में भी इसका संक्रमण बढ़ा है। जानकारी के मुताबिक, इस वायरस की देश में एंट्री पाकिस्तान के रास्ते हुई है।
कैसे फैलता है वायरस
लंपी वायरस के फैलने का पता सात दिन बाद ही चल पाता है। संक्रमित होने के बाद गाय बीमार हो जाती है और बाद में गिठाने होने से उनमें से पानी, पस निकलने लगता है। इस पर मक्खी आदि बैठने से यह वायरस अन्य पशुओं में फैलने लगता है। पशु चिकित्सा विभाग के उपसंचालक डा. एमके शर्मा ने बताया कि विभागीय स्तर पर अलर्ट किया गया है। पशुपालक कुछ दिनों के लिए पशुओं को अलग रखें और बीमारी के लक्षण मिलने पर उपचार करवाएं। विभागीय स्तर पर भी सैंपलिंग कर उपचार दिया जाएगा। उपचार मिलने पर 15 दिन में संक्रमित पशु स्वस्थ हो जाता है। मनुष्यों में इस वायरस के फैलने की कोई संभावना नहीं है।
सरकार ने उठाए कई जरूरी कदम, केंद्र से भी मांगी मदद
पशुपालन विभाग में सचिव पीसी किशन ने बताया कि लंपी का संक्रमण राज्य के 16 जिलों में फैल गया है। बाड़मेर, जोधपुर और जालौर सबसे ज्यादा प्रभावित हैं जबकि गंगानगर, हनुमानगढ़ और चूरू जिलों में इसका असर कम हो रहा है। लंपी वायरस पर लगाम के लिए राजस्थान के पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया ने कई फैसले लिए हैं। उन्होंने बताया कि इमरजेंसी में जरूरी दवाएं खरीदने के लिए अजमेर, बीकानेर और जोधपुर में संभाग स्तर के कार्यालयों में 8-12 लाख रुपये की धनराशि वितरित की गई है। अन्य प्रभावित जिलों के लिए भी 2 से 8 लाख रुपये की राशि वितरित की गई है। आपात स्थिति को देखते हुए अन्य जिलों के दवा भंडारों में उपलब्ध दवाओं को प्रभावित जिलों में भेज दिया गया है। प्रभावित जिलों के लिए अन्य जिलों से 29 पशु चिकित्सक और 93 पशुधन सहायकों को तैनात किया गया है। पशुओं में फैल रही बीमारी पर लगातार नजर रखने के लिए प्रभावित जिलों के साथ-साथ जयपुर मुख्यालय में नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है।