Aug 5, 2022
उज्जैन: इस वर्ष से इंजीनियरिंग की पढ़ाई हिंदी में कराने को पुस्तकें तैयार कर ली गई है। पुस्तकों की समीक्षा करने वाले समीक्षक मंडल में उज्जैन इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रोफेसर डा. अप्रतुलचंद्र शुक्ला और एसोसिएट प्रोफेसर डा. हेमंत परमार भी सम्मिलित थे, जिन्हें अनुवादों के साथ बुधवार को भोपाल में राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने एक समारोह में सम्मानित किया। सम्मान स्वरूप प्रशंसा पत्र भेंट किया गया। बताया कि बीटेक प्रथम वर्ष और पालीटेक्निक कालेज में डिप्लोमा पाठ्यक्रम की किताबों का हिंदी अनुवाद कर किताबें तैयार कर ली गई हैं। जल्द ही ये कॉलेजों की लाइब्रेरी में पढ़ने के लिए उपलब्ध होंगी।
इंजीनियरिंग कालेज के प्राचार्य डा. जेके श्रीवास्तव ने उपलब्धी पर दोनों प्रोफेसरों को बधाई दी है। मालूम हो कि नगरीय निकाय चुनाव से पहले मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने इंजीनियरिंग और मेडिकल की पढ़ाई हिंदी माध्मय में करवाने की घोषणा की थी। उच्च शिक्षा मंत्री डा. मोहन यादव ने भी आठ महीने पहले हिंदी ग्रंथ अकादमी की वार्षिक कार्य समिति और प्रबंधन मंडल की बैठक में कहा था कि कृषि, इंजीनियरिंग, मेडिकल, फार्मेसी और प्रबंधन की पढ़ाई हिंदी माध्यम में विद्यार्थी कर सकेंगे। इसके लिए अंग्रेजी में प्रकाशित पाठ्य पुस्तकों का हिंदी अनुवाद और पुस्तकों का प्रकाशन हिंदी ग्रंथ अकादमी की ओर से किया जाएगा।
वेद विद्या प्रतिष्ठान के बाहर प्रदर्शन
महर्षि सांदीपनि राष्ट्रीय वेद विद्या प्रतिष्ठान के बाहर गुरुवार को देशभर से आए वेद शिक्षक तथा विद्यार्थियों ने जमकर प्रदर्शन किया। शिक्षक व छात्रों की मांग है कि प्रतिष्ठान के सचिव को अविलंब हटाया जाए। उनका कहना है कि सचिव की वेद विरोधी नीति तथा प्रताड़ना से देशभर के पाठशाला संचालक परेशान हैं। महर्षि सांदीपनि राष्ट्रीय वेद विद्या प्रतिष्ठान के चिंतामन मन स्थित राष्ट्रीय मुख्यालय के बाहर गुरुवार सुबह से गहमा गहमी का महौल था। देशभर से आए वेद शिक्षक तथा विद्यार्थी संस्थान के सचिव के विरोध में जमकर प्रदर्शन कर रहे थे।